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रिटायर अफसर या कर्मचारी को फिर से नौकरी देने पर पूरी करनी होगी एक शर्त, बताना होगा पब्लिक इंटरेस्ट, सुखविंदर सरकार ने जारी किए नए निर्देश - Employees reappointment Conditions - EMPLOYEES REAPPOINTMENT CONDITIONS

Conditions For Reappointment Of Retired Officers Or Employees in Himachal: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने रिटायर अफसर या कर्मचारी को फिर से नौकरी पर रखने के लिए शर्त रखी है. जिसके अनुसार किसी रिटायर अफसर और कर्मचारी को फिर से नौकरी पर रखने से पहले उसके री-इंगेजमेंट के पीछे क्या पब्लिक इंटरेस्ट है, इसकी व्याख्या बतानी होगी. पढ़िए पूरी खबर...

सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश
सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश (सोशल मीडिया)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 13, 2024, 6:37 AM IST

Updated : Aug 13, 2024, 11:08 AM IST

शिमला: हिमाचल में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने रिटायर अफसर या कर्मचारी को फिर से नौकरी पर रखने के लिए शर्त लगाई है. यदि किसी विभाग से रिटायर अफसर या कर्मचारी को फिर से नौकरी यानी री-इंगेजमेंट अथवा री-इंप्लॉयमेंट देनी होगी तो उसके लिए एक शर्त लगेगी. ये शर्त लोकहित यानी पब्लिक इंटरेस्ट की होगी. रिटायर हुए अफसर या कर्मचारी को यदि री-इंगेज करना होगा तो पहले इस री-इंगेजमेंट के पीछे पब्लिक इंटरेस्ट क्या होगा, इसकी व्याख्या भी साथ देनी होगी.

इस संदर्भ में राज्य सरकार ने नए सिरे से निर्देश जारी किए हैं. वित्त विभाग के प्रधान सचिव की तरफ से एक निर्देश जारी किया गया है. लेटर सब्जेक्ट री-इंगेजमेंट/हायरिंग ऑफ दि रिटायरीज इन दि डिपार्टमेंट्स के रूप में है. इसके अनुसार बिना पब्लिक इंटरेस्ट बताए री-इंगेजमेंट नहीं की जा सकेगी. वित्त विभाग का ये आदेश राज्य सरकार के सभी प्रशासनिक सचिवों व विभाग प्रमुखों को जारी किया गया है. इस पत्र में कहा गया कि री-इंगेजमेंट से पहले हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की तरफ से 2017 में जारी अदालती आदेश को ध्यान में रखा जाए.

प्रधान सचिव ने जारी किए निर्देश (नोटिफिकेशन)

राज्य सरकार के सभी प्रशासनिक सचिवों को कहा गया है कि री-इंगेजमेंट से जुड़े किसी भी तरह के मामले सरकार को भेजने से पहले फाइल पर पब्लिक इंटरेस्ट के बारे में स्पष्ट उल्लेख किया जाए. इसका साधारण अर्थ ये हुआ कि यदि ऐसे अफसर या कर्मचारी को फिर से नौकरी पर रखा जाता है तो उससे जनता का हित कैसे होगा? यानी री-इंगेजमेंट में लोक हित का ख्याल रखना जरूरी है. हाईकोर्ट ने इस संदर्भ में दिसंबर 2017 को एक आदेश जारी किया था. उस आदेश में जनहित का बिंदु स्पष्टता के साथ दर्ज किया गया था. हाईकोर्ट के उसी आदेश के अनुसार री-इंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी की जानी चाहिए.

हाईकोर्ट ने दिए थे ये निर्देश
दरअसल, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 19 दिसंबर 2017 को एक आदेश पारित किया था. उसी आदेश को देखते हुए राज्य सरकार को री-इंगेजमेंट प्रक्रिया के लिए नए सिरे से प्रशासनिक सचिवों को निर्देश जारी करने पड़े हैं. हाईकोर्ट ने दिसंबर 2017 को री-अपॉइंटमेंट के मामलों में स्वत: संज्ञान लिया था. अदालत ने कहा था कि बिना जनहित बताए ऐसी पुनर्नियुक्ति नहीं की जा सकती. साथ ही हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को पूरी गाइडलाइन भी जारी की थी.

इसके बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने री-इंप्लॉयमेंट या री-इंगेजमेंट के लिए 10 नवंबर 2023 और फिर 24 जुलाई 2024 को गाइडलाइंस जारी की थी. उस गाइडलाइन के बाद राज्य सरकार के कुछ विभागों में री-इंगेजमेंट की गई. फिर सरकार के ध्यान में लाया गया कि ऐसी री-इंगेजमेंट में हाईकोर्ट के निर्देश फॉलो नहीं हुए हैं. ऐसे में वित्त विभाग ने 9 अगस्त को नए सिरे से निर्देश जारी किए और स्पष्ट किया कि आगे से री-इंगेजमेंट के मामलों में हाईकोर्ट की गाइडलाइन को फॉलो किया जाए. अब पब्लिक इंटरेस्ट तो बताना ही होगा, साथ में ही वित्त विभाग से भी री-इंगेजमेंट की अनुमति लेनी होगी.

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Last Updated : Aug 13, 2024, 11:08 AM IST

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