हैदराबाद: साल 2025 की शुरुआत हो चुकी है. जनवरी में पहला त्योहार मकर संक्रांति पड़ता है. हिंदू सनातन धर्म में संक्रांति का विशेष महत्व है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन से सूर्य उत्तरायण होने लगते हैं. अब यह सवाल उठता है कि इस बार मकर संक्रांति कब मनाई जाएगी. आइये जानते हैं.
लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र ने बताया कि मकर संक्रांति पौष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. इस बार यह मंगलवार 14 जनवरी 2025 को पड़ रही है. इसी दिन से सूर्य उत्तरायण होने लगते हैं. इसका साफ मतलब है कि सूर्य धीरे-धीरे उत्तर दिशा की ओर जाना शुरू कर देता है. इसी दिन से सभी शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं.
जानिए क्या होती है संक्रांति
ज्योतिषाचार्य ने कहा कि जब सूर्य अपनी राशि बदलता है तब वह परिवर्तन संक्रांति कहलाता है. वैसे तो सूर्य हर महीने अपनी राशि परिवर्तन करता है. इस तरह से पूरे साल में 12 संक्रांति पड़ती है, लेकिन सिर्फ दो ही संक्रांति महत्वपूर्ण है. पहली मकर संक्रांति और दूसरी कर्क संक्रांति. उन्होंने कहा कि मकर संक्राति के दिन मौसम में परिवर्तन शुरू हो जाता है. अगर इस दिन कोई जातक जप, तप और दान करे तो उसे कई गुणा लाभ मिलता है.
क्या है शुभ मुहूर्त
डॉ. उमाशंकर मिश्र ने बताया कि हिंदू धर्म में हर त्योहार उदया तिथि के अनुसार ही मनाया जाता है. इस वजह से इस बार मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी. सूर्य इस दिन सुबह 8 बजकर 41 मिनट के करीब मकर राशि में प्रवेश करेगा. वहीं, इसका पुण्यकाल सुबह 9 बजकर 03 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 46 मिनट तक जारी रहेगा.
मकर संक्रांति पुण्य काल मुहूर्त
- मकर संक्रांति- मंगलवार, 14 जनवरी 2025
- मकर संक्रांति पुण्य काल- सुबह 9.03 मिनट से शाम 5.29 मिनट तक
- कुल अवधि-8 घंटे 26 मिनट
- मकर संक्रांति महा पुण्य काल- सुबह 9.03 बजे से 10.50 मिनट तक
- कुल अवधि-01 घंटा 47 मिनट
- मकर संक्रांति का क्षण-9.03 मिनट
दान करके कमाइये पुण्य
ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति 2025 के दिन पवित्र नदी में स्नान करना शुभ होता है. इसके साथ-साथ सूर्यदेव की पूजा भी विशेष लाभ देती है. वहीं, दान देना भी लाभकारी होता है. उत्तर भारत में इस दिन सभी लोग खिचड़ी का दान करते हैं. कुछ राज्यों में नई फसल की भी कटाई होती है.
पढ़ें: महाकुंभ 2025 में नहीं जा पा रहे तो चिंता की बात नहीं, घर पर कीजिए उपाय और पाइये स्नान का पुण्य