कोटा. कोटा जंक्शन के भार को कम करने के लिए रेलवे ने 3 किलोमीटर दूरी पर ही स्थित उपनगरीय स्टेशन सोगरिया को तैयार करवाया था. करीब 12 करोड़ की लागत से यह स्टेशन 2021 के अंत में तैयार हो गया था, जिसका लोकार्पण 5 जनवरी 2022 को किया गया था. हालांकि इस स्टेशन पर अभी भी पर्याप्त संख्या में ट्रेनों को नहीं रोका जाता है. जिस मकसद से स्टेशन को बनाया गया था, वह अभी भी पूरा नहीं हो रहा है. इस स्टेशन पर डेली चलने वाली केवल चार ट्रेनों का स्टॉपेज है, जबकि एक ट्रेन इस स्टेशन से संचालित होती है. इसके अलावा यहां पर केवल चार साप्ताहिक ट्रेन ही रुकती है. जबकि स्टेशन से रोज गुजरने वाली 8 ट्रेन का स्टॉपेज नहीं है. वहीं 18 साप्ताहिक ट्रेन भी यहां से होकर गुजरती है, जिनमें से 14 का स्टॉपेज नहीं है.
जबलपुर जोन के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हर्षित श्रीवास्तव का कहना है कि वर्तमान में आचार संहिता लगी हुई है, हमने पहले कुछ प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजे थे, जिनमें साप्ताहिक ट्रेनों को बाइपास करने के प्रस्ताव थे. स्टेशन बदलने या बाइपास करने की अनुमति रेलवे बोर्ड से ही लेनी पड़ती है. हमें उम्मीद है कि आचार संहिता के बाद जल्द ही हमें अनुमति मिल जाएगी. इसके बाद सोगरिया स्टेशन पर हम ट्रेनों को बाइपास कर सकेंगे.
उद्देश्य की नहीं हो रही है पूर्ति :स्टेशन का उद्देश्य था कि बारां की तरफ से बूंदी और सवाई माधोपुर की तरफ जाने वाली ट्रेनों को बाइपास करने का था. उन्हें कोटा जंक्शन भेजने की जगह सीधा डायवर्ट कर दिया जाए, ताकि इंजन के बदलने में जाया होने वाले समय की बचत हो सके, लेकिन स्टेशन को शुरू हुए 2 साल हुए हैं. अभी भी पर्याप्त ट्रेन यहां पर नहीं रोकी जाती है. इस स्टेशन पर केवल चार ही साप्ताहिक ट्रेनों को बाइपास किया जा रहा है. यहां से प्रतिदिन गुजरने वाली ट्रेन जबलपुर-अजमेर और जोधपुर- भोपाल है. आते और जाते समय दोनों बार यह ट्रेनें आधे-आधे घंटे कोटा जंक्शन पर इंजन बदलने के लिए खड़ी होती है. अगर इन ट्रेनों को सोगरिया स्टेशन से बाइपास कर दिया जाए तो आधे घंटे रोकने का समय भी बचेगा, क्योंकि बिना इंजन बदले यह ट्रेन सीधी ही चली जाएगी. इसके अलावा 14 साप्ताहिक ट्रेन भी है, जिन्हें कोटा जंक्शन पर भेजा जाता है, जिन्हें भी बाइपास कर सीधा निकाला जा सकता है. बाइपास करने से यात्रियों के समय की बचत होगी तो यात्रियों के साथ-साथ रेलवे को भी इसका फायदा होगा. क्योंकि कोटा जंक्शन का भी वर्क लोड इससे कम होगा.