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कभी खाने के भी पड़ गए थे लाले, वीणा ने हौसले से बदली किस्मत, इसतरह बनीं 'लखपती दीदी' - Lakhpati Jeevika Didi

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 11, 2024, 11:05 PM IST

Lakhpati Jeevika Didi : बिहार के वैशाली में जीविका दीदी बनकर वीणा ने अपनी किस्मत को खुद बदला, कभी घर में खाने को दाना तक मयस्सर नहीं था लेकिन आज वो 'लखपति दीदी' बन चुकीं है. आखिर कैसे इसको उन्होंने इसे विषम परिस्थिति में कर दिखाया प्रेरणा देने वाली ये स्टोरी पढ़ें-

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वैशाली की लखपति दीदी (Etv Bharat)

वैशाली की लखपति दीदी (ETV Bharat)

वैशाली: कहते हैं मुसीबतें कहकर नहीं आतीं, ऐसे वक्त में ठंडे दिमाग से काम और समस्या से जूझने की माद्दा हो तो कामयाबी मिल जाती है. कुछ ऐसा ही हुआ वैशाली की वीणा कुमारी के साथ. कोरोना काल में विपत्ति वीणा के माथे पर पड़ी. पति मजदूरी करने परदेश गए हुए थे. वहीं उनकी तबीयत खराब हो गई. इधर स्कूल में पढ़ा रहीं वीणा देवी का स्कूल बंद होने से घर की रोजी-रोटी चलाने में दिक्कत आ रही थी. लेकिन ऐसे वक्त में इन्होंने हौसला नहीं हारा और कुछ करने का जज्बा लिए जीविका से जुड़ गईं.

वैशाली की लखपति दीदी : वीणा कुमारी बताती हैं कि शुरूआती 4 महीने हमारे परिवार ने काफी दिक्कतें झेलीं. कोरोना के समय कमोबेश यही हाल सभी का था. जीविका से जुड़ने से वो किसानों को बीज मुहैया कराने लगीं. इससे थोड़ी बहुत आमदनी शुरू हो गई. दो पैसे हाथ में आने लगे तो हिम्मत और बढ़ा. अब प्रधानमंत्री उद्योग योजना के तहत जुड़कर जीविका बहनों को लोन दिलाने का काम करती हैं.

आत्मनिर्भर बनीं वीणा कुमारी: वीणा आज अपने पैरों पर खड़ी हैं और अब तक 9 जीविका दीदी के लोन को प्रॉसेस भी करवाया है. सरकार की योजना से जुड़कर वीणा ने न सिर्फ अपने परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया बल्कि बच्चों के भविष्य को भी संवार रही हैं. अब वीणा दीदी की इलाके में पहचान बन चुकी है.

कभी दाने-दाने को थीं मोहताज: वीणा कुमारी ने बताया कि प्रत्येक लोन के लिए फॉर्म भरने, प्रोजेक्ट बनाने से लेकर अकाउंट में रुपए आने तक काफी मेहनत करनी पड़ती है. प्रत्येक लोन आमाउंट पास होने पर 10 हजार रुपए का इंसेंटिव मिलता है. वीणा कुमारी सरकार की योजना से जुड़कर लाभ ले रहीं हैं और लोगों को लाभान्वित भी कर रही हैं.

बीवी की सफलता पर पति को गर्व : अपनी बीवी की इस सफलता पर पति अरविंद कुमार सिंह गर्व भरे शब्दों में कहते हैं कि ये है तो सबकुछ है. आज इसी की बदौलत वो भी बच्चों के साथ घर रहकर छोटा मोटा काम करते हैं. अब परदेस जाने की जरूरत नहीं है. वीणा पढ़ने में भी अच्छी थी लेकिन तब हमारी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. अब मैं इसका सपोर्ट कर रहा हूं.

वीणा महिलाओं के लिए मिसाल: वीणा कुमारी के जीवन की कहानी सीख है उन महिलाओं के लिए जो आर्थिक स्थिति कम होते हुए भी आत्मनिर्भरता की ओर कदम नहीं बढ़ातीं. जीविका दीदी योजना से जुड़कर हर कोई अपने भविष्य को सुंदर और सुखद बना सकता है. जरूरत सिर्फ वीणा कुमारी की तरह नेक और ईमानदार पहल की.

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