वैशाली: कहते हैं मुसीबतें कहकर नहीं आतीं, ऐसे वक्त में ठंडे दिमाग से काम और समस्या से जूझने की माद्दा हो तो कामयाबी मिल जाती है. कुछ ऐसा ही हुआ वैशाली की वीणा कुमारी के साथ. कोरोना काल में विपत्ति वीणा के माथे पर पड़ी. पति मजदूरी करने परदेश गए हुए थे. वहीं उनकी तबीयत खराब हो गई. इधर स्कूल में पढ़ा रहीं वीणा देवी का स्कूल बंद होने से घर की रोजी-रोटी चलाने में दिक्कत आ रही थी. लेकिन ऐसे वक्त में इन्होंने हौसला नहीं हारा और कुछ करने का जज्बा लिए जीविका से जुड़ गईं.
वैशाली की लखपति दीदी : वीणा कुमारी बताती हैं कि शुरूआती 4 महीने हमारे परिवार ने काफी दिक्कतें झेलीं. कोरोना के समय कमोबेश यही हाल सभी का था. जीविका से जुड़ने से वो किसानों को बीज मुहैया कराने लगीं. इससे थोड़ी बहुत आमदनी शुरू हो गई. दो पैसे हाथ में आने लगे तो हिम्मत और बढ़ा. अब प्रधानमंत्री उद्योग योजना के तहत जुड़कर जीविका बहनों को लोन दिलाने का काम करती हैं.
आत्मनिर्भर बनीं वीणा कुमारी: वीणा आज अपने पैरों पर खड़ी हैं और अब तक 9 जीविका दीदी के लोन को प्रॉसेस भी करवाया है. सरकार की योजना से जुड़कर वीणा ने न सिर्फ अपने परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया बल्कि बच्चों के भविष्य को भी संवार रही हैं. अब वीणा दीदी की इलाके में पहचान बन चुकी है.