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हल्द्वानी के इस मंदिर में बरसती है अष्टादश भुजा महालक्ष्मी की कृपा, दीपावली पर 51 हजार दीयों से मनेगा दीपोत्सव

उत्तर भारत का एकमात्र अष्टादश भुजा महालक्ष्मी मंदिर हल्द्वानी में है, दीपावली के लिए मंदिर में की गई भव्य सजावट

ASHTADASH BHUJA MAHALAKSHMI TEMPLE
अष्टादश भुजा महालक्ष्मी मंदिर (Photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 5 hours ago

Updated : 2 hours ago

हल्द्वानी:उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल का हल्द्वानी स्थित अष्टादश भुजा महालक्ष्मी मंदिर उत्तर भारत का एकमात्र 18 भुजाओं वाली महालक्ष्मी का मंदिर है. यहां धन और सुख समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है. मंदिर प्रबंधन ने दीपावली पर विशेष आयोजन किया है.

अष्टादश भुजा महालक्ष्मी मंदिर में दीपावली की विशेष तैयारी:31 अक्टूबर को दीपावली मनाई जानी है, जिसको लेकर मंदिर में तैयारियां शुरू हो गई हैं. मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया है. मंदिर में 51 हजार दीयों से दीपोत्सव मनाया जाएगा. 1 नवंबर को सुबह 10:00 बजे से दोपहर तक विशेष पूजा आराधना की जाएगी. माना जाता है कि महालक्ष्मी पूजा के दिन माता को प्रसन्न करने से परिवार में सुख शांति समृद्धि आती है. अष्टादश महालक्ष्मी मंदिर कुमाऊं का एकमात्र मंदिर है, जहां महालक्ष्मी की पूजा होती है. यह मंदिर उत्तर भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में गिना जाता है. यही वजह है कि यहां पर देशी विदेशी श्रद्धालुओं का हमेशा तांता लगा रहता है.

अष्टादश भुजा महालक्ष्मी मंदिर में जगमगाएंगे 51 हजार दीए (Video- ETV Bharat)

अष्टादश भुजा महालक्ष्मी मंदिर में पूजा का विशेष महत्व:मंदिर के महामंडलेश्वर सोमेश्वर यति जी महाराज ने बताया कि मंदिर की स्थापना ब्रह्मलीन श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर बालकृष्ण जी महाराज ने वर्ष 2004 में कराई थी. इसका शुभारंभ 2007 में अष्टादश भुजा महालक्ष्मी मंदिर की मूर्ति स्थापना के साथ प्राण प्रतिष्ठा हुई. उत्तर भारत का यह पहला अष्टादश भुजा मंदिर बताया जाता है. 18 भुजाओं वाली महालक्ष्मी देवी की भव्य मूर्ति अष्टधातु से निर्मित है. भगवती लक्ष्मी के दिव्य वैभव तथा विराट स्वरूप का दर्शन कराने वाला यह भव्य मंदिर समूचे उत्तर भारत में एकमात्र मंदिर है. माना जाता जाता है कि महालक्ष्मी पूजा के दिन माता को प्रसन्न करने से परिवार में सुख शांति समृद्धि आती है.
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