रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में नाबालिग लड़कियों की शादी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. ताजा मामला ऊखीमठ क्षेत्र से सामने आया है. जहां दो नाबालिग लड़कियां सात फेरे लेने जा रही थी, लेकिन उससे पहले ही वन स्टॉप सेंटर से केंद्र प्रशासक समेत अन्य संस्था के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर शादी रूकवा दी. साथ ही लड़कियों के परिजनों को उम्र पूरी होने के बाद ही शादी करवाने की सख्त हिदायत दी गई.
दरअसल, बाल विवाह के संबंध में तमाम जन जागरूकता अभियान चलाए जाने और कई बार बाल विवाह कर रहे लोगों को रोके जाने के बाद भी नाबालिगों के शादी के मामले सामने आ रहे हैं. एक बार फिर से चाइल्ड हेल्पलाइन रुद्रप्रयाग की सूचना पर ऊखीमठ क्षेत्र के गांधीनगर और ओंकारेश्वर वार्ड की दो नाबालिग लड़कियों की शादी रुकवाई गई. इससे पहले भी जखोली और ऊखीमठ ब्लॉक में नाबालिग लड़कियों की शादी के मामले सामने आए थे. जिस पर प्रशासन ने तत्काल एक्शन लेकर रुकवा दिया था.
जानकारी के मुताबिक, ऊखीमठ नगर पंचायत के गांधीनगर और ओंकारेश्वर वार्ड में नाबालिग लड़कियों की शादी की सूचना मिली थी. सूचना मिलते ही वन स्टॉप सेंटर से केंद्र प्रशासक रंजना गैरोला भट्ट, मिशन शक्ति की समन्वयक दीपिका कांडपाल, बाल संरक्षण अधिकारी रोशनी रावत, चाइल्ड हेल्प लाइन के सुपरवाइजर सुरेंद्र सिंह, क्षेत्रीय राजस्व उप निरीक्षक अमित पंवार और दोनों वार्डों के सदस्य मौके पर पहुंचे. जहां उन्होंने नाबालिग लड़कियों के विद्यालयों में जाकर उनकी जन्मतिथि हासिल की.
वहीं, जन्मतिथि में दोनों लड़कियां नाबालिग पाई गईं. जिस पर उनके परिजनों से बातचीत कर उन्हें समझाया गया कि नाबालिग विवाह कानूनी अपराध है. साथ ही परिजनों को जबरदस्ती शादी कराने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी. अगर वो शादी करवाते हैं तो उन्हें 2 साल की जेल हो सकती है. इस चेतानवी और हिदायत के बाद परिजनों ने दोनों नाबालिग लड़कियों की शादी न कराने का फैसला लिया. साथ ही उम्र पूरी होने पर ही शादी कराने की बात कही. जिसके बाद नाबालिगों की शादी होने से रूक गई.
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