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सहस्त्रताल हादसे के बाद बड़ा फैसला, हाई एल्टीट्यूड ट्रैकिंग के लिए तैयार होगी एसओपी - High Altitude Tracking SOP

High Altitude Tracking SOP, Uttarkashi Sahastra Tal Trek Accident सहस्त्रताल ट्रैक पर हुई घटना के बाद जिला प्रशासन एक्शन में है. जिला प्रशासन ने अब हाई अल्टीट्यूड ट्रैकिंग के लिए जिला स्तर पर एसओपी बनाए जाने का निर्णय लिया है. एसओपी को नियामक प्रावधानों के निर्धारण के बाद इसे मंजूरी के लिए शासन के पास भेजा जाएगा.

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सहस्त्रताल हादसे के बाद बड़ा फैसला (Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 7, 2024, 5:16 PM IST

उत्तरकाशी: सहस्त्रताल ट्रैक पर हुई घटना को देखते हुए जिले के अधिक ऊंचाई वाले ट्रैक रूट्स पर ट्रैकिंग के मानकों के सख्ती से अनुपालन एवं सुरक्षा प्रबंधों को लेकर जिला स्तर पर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाए जाने का निर्णय लिया है. संबंधित विभागों, विशेषज्ञ संगठनों व अन्य हितधारकों से विचार-विमर्श कर इस एसओपी को जल्द अंतिम रूप दिया जाएगा. जिलाधिकारी ने इस संबंध में शासन एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के स्तर पर हुई बैठकों में भी अपने विचार रखे.

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सहस्त्रताल रेस्क्यू ऑपरेशन संचालित करने में तत्परता, बेहतर समन्वय के लिए जिला प्रशासन की सराहना की है. साथ ही हाई अल्टीट्यूड ट्रैकिंग के लिए सख्त नियामक प्राविधान किए जाने पर जोर दिया है. सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल की ट्रैकिंग पर गए 22 सदस्यीय दल के नौ सदस्यों की मृत्यू होने की घटना का शासन एवं प्रशासन के स्तर से अत्यधिक गंभीरता से लेते हुए ऐसी घटनाओं दोबारा न हो, इसके लिए हाई अल्टीट्यूड ट्रैकिंग हेतु सख्त नियामक उपाय और कड़े सुरक्षा मानकों का निर्धारण किए जाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में शासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जिले के अधिकारियों की बैठक में इस मामले में गहन विचार-विमर्श किया गया. इसी सिलसिले आज राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सहित अन्य संगठनों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित बैठक में गहन विचार-विमर्श किया गया. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य ले. जनरल (अ.प्रा.) सैयद हसनैन की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट एवं पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने सहस्त्रताल ट्रैक की घटना, रेस्क्यू ऑपरेशन एवं इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के संबंध में सुझावों से अवगत कराते हुए बताया जिले में हाई अल्टीट्यूड ट्रैकिंग को लेकर विशेषज्ञ संगठनों व संबंधित हितधारकों की राय लेकर जिला स्तर पर एसओपी बनाए जाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. बैठक में सेना, आईएमएम, कर्नाटक सरकार, आपदा प्रबंधन विभाग उत्तराखंड सहित विभिन्न संगठनों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया.

जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया हाई अल्टीट्यूड ट्रैकिंग के लिए ट्रैकिंग एजेंसियों की पात्रता, ट्रैकिंग के संचालन, संसाधन एवं सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाओं को लेकर कडे़ नियम व कायदे तय किए जाने जरूरी हैं. इसके लिए सभी संबंधित विभागों के मौजूदा नियमों व प्रक्रियाओं को समेकित व संशोधित कर एक सख्त नियामक व्यवस्था बनाई जा सकती है. जिसमें ट्रैकिंग एजेंसियों की जवाबदेही, गाईड की दक्षता, बीमा सुरक्षा, ट्रैकर्स की फिटनेस के मानकों, रेस्क्यू की व्यवस्था जैसे बिन्दुओं का पहले से ही स्पष्ट निर्धारण हो. बैठक में इसके लिए जिला स्तर पर एसओपी का प्रारूप बनाने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों की समिति बनाए जाने का निर्णय लिया गया. इसमें नेहरू पर्वतारोहण संस्थान जैसे विशेषज्ञ संगठनों को भी शामिल किया जाएगा. ट्रैकिंग एशोसियेशन के पदाधिकारियों व अन्य हितबद्ध लोगों की भी इस संबंध में राय ली जाएगी.

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