कब होगा बस स्टैंड का कायाकल्प , 50 लाख खर्च लेकिन सुविधाएं जीरो - Sonhat bus stand - SONHAT BUS STAND
Sonhat Bus Stand कोरिया जिले का भरतपुर सोनहत क्षेत्र रेल विहीन है. इस क्षेत्र में लोगों के आने जाने का जरिया मात्र बस और दूसरे संसाधन है.ग्रामीण इलाके में ज्यादातर लोग बस से ट्रेवल करते हैं.ऐसे में इन क्षेत्रों में बस स्टैंड की सुविधाएं बढ़ाई जानी थी. बस स्टैंड में सुविधा बढ़ाने के लिए अच्छी खासी रकम भी शासन ने खर्च की.लेकिन इस राशि का इस्तेमाल कहां और कितना हुआ ये कोई नहीं जानता. इस जिले के सोनहत विकासखंड में बने स्टैंड को सर्वसुविधायुक्त करने के लिए सात साल पहले 50 लाख रुपए की राशि मंजूर हुई थी.लेकिन आज तक बस स्टैंड की कायाकल्प ना हो सका.Wait For Facilities In Koriya
50 लाख खर्च लेकिन सुविधाएं जीरो (ETV Bharat Chhattisgarh)
50 लाख खर्च लेकिन सुविधाएं जीरो (ETV Bharat Chhattisgarh)
कोरिया : जिले के सोनहत विकासखंड में बने बस स्टैंड में करीब 50 लाख से ज्यादा खर्च की गई है. फिर भी आज तक यात्रियों के लिए मूलभूत सुविधाओं का विस्तार नही हो सका है. बस स्टैंड निर्माण को लगभग 7 साल बीत चुके हैं. लेकिन पेयजल, शौचालय जैसी समस्याओं के कारण नवीन बस स्टैंड में वीरानी छाई रहती है.सुविधाएं नहीं होने से यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है.
50 लाख की राशि खर्च लेकिन सुविधाएं जीरो :सोनहत विकासखंड के नवीन बस स्टैंड निर्माण के लिए दुकान, यात्री प्रतीक्षालय,सामुदायिक भवन शौचालय व्यवस्था के लिए 50 लाख रुपयों से भी ज्यादा की राशि खर्च की गई है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है.इस बस स्टैंड पर रोजाना हजारों की संख्या में यात्री आते जाते हैं. लेकिन इस बस स्टैंड की स्थिति खस्ताहाल है. पेयजल, शौचालय और नियमित बसों का स्टैंड पर न रुकना यहां आम बात है. जिसके कारण यहां के छोटे दुकानों का संचालन भी प्रभावित हो रहा है.
दुकानों की नीलामी हुई लेकिन अब हुए वीरान :आपको बता दें कि शासकीय मद से बने बस स्टैंड की दुकानों की नीलामी भी हुई है. लेकिन बसों के ना रुकने से ये दुकानें भी खाली हैं. वहीं पिछले 7 साल से ग्राम पंचायत 7 दुकान का निर्माण कार्य करवा रहा है. जो आज तक पूरी नहीं हुई है.हालात ये है कि जो ढांचा है वो पूरा होने के पहले ही खंडहर में बदल रहा है.ईटीवी भारत ने जब बस स्टैंड के बारे में कलेक्टर को जानकारी दी तो उन्होंने इसी सुध लेने की बात कही.
''बस स्टैंड के बारे में आपके माध्यम से जानकारी मिली है. जल्दी ही बस स्टैंड में पेयजल आपूर्ति, सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही अधूरे पड़े निर्माण कार्यों के संबंध में जनपद पंचायत सीईओ को निर्देशित किया जाएगा.''- विनय कुमार लंगेह, कलेक्टर
बेरोजगार युवकों को मिलता स्वरोजगार :इस जगह पर रहने वाले बेरोजगार युवाओं का कहना है कि ये दुकानें यदि पूरी बन जाती तो युवकों को रोजगार मिलता. लोग स्वरोजगार करके अपनी रोजी रोटी चला लेते. सप्ताह में एक दिन रविवार को छोटी बाजार बस स्टैंड में लगती थी, जो कोरोना काल में रोड में लगने लगी.इस बाजार की जगह बदलने की कई बार अर्जी दी गई,लेकिन आज तक सुनवाई नहीं हुई. रोड में बाजार लगने से आवाजाही प्रभावित होती है साथ ही दुर्घटना की भी आशंका बनी रहती है. अब कलेक्टर के दावे के बाद देखना ये होगा कि सोनहत बस स्टैंड का कायाकल्प हो पाता है या फिर एक और साल यूं ही कटने का इंतजार इस बस स्टैंड को करना होगा.