बलौदाबाजार : बलौदाबाजार जिले के भाटापारा नगर पालिका में आयोजित एक लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान बीजेपी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हो गई. इस घटना ने राजनीतिक माहौल को और भी तनावपूर्ण बना दिया है. कांग्रेस ने बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमले करवाने के लिए उकसाया. इसके बाद कांग्रेस ने एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. साथ ही नगर पालिका के प्रशासक के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की जा रही है.
कैसे हुआ बीजेपी-कांग्रेस विवाद? यह घटना भाटापारा नगर पालिका में आयोजित विकास कार्यों के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान हुई. कार्यक्रम में बीजेपी के पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया था. जैसे ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं को इस कार्यक्रम की जानकारी मिली. उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया. कांग्रेस का आरोप था कि इस कार्यक्रम में जानबूझकर स्थानीय विधायक, नगर पालिका अध्यक्ष और कांग्रेस के पार्षदों को शामिल नहीं किया गया, ताकि बीजेपी को राजनीतिक फायदा मिल सके.कांग्रेस नेताओं का कहना था कि यह एक सुनियोजित प्रयास था, जिससे कांग्रेस की उपस्थिति को नकारा जा सके और बीजेपी का वर्चस्व स्थापित किया जा सके.
कार्यक्रम स्थल बना अखाड़ा : जब कार्यक्रम स्थल पर दोनों दलों के कार्यकर्ता इकट्ठा हुए, तो विवाद ने हिंसक रूप ले लिया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई. नारेबाजी और विरोध के बाद यह तनाव हाथापाई और लात-घूंसे तक पहुंच गया. इस झड़प के कारण कार्यक्रम की शुरुआत में भारी देरी हुई और कार्यक्रम स्थल पर भगदड़ जैसी स्थिति बन गई.पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा, लेकिन दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं का गुस्सा शांत करने में पुलिस को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा. इस दौरान कई पुलिसकर्मी भी हिंसा का शिकार हुए और उनका विरोध किया गया.
बीजेपी नेता शिवरतन शर्मा पर गंभीर आरोप : इस पूरे घटनाक्रम में कांग्रेस ने बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कांग्रेस का कहना है कि शिवरतन शर्मा ने जानबूझकर इस हिंसा को भड़काया और कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमले के लिए उकसाया.इस वीडियो के सामने आने के बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया कि शिवरतन शर्मा ने स्थिति को बिगाड़ने के लिए जानबूझकर विवाद को बढ़ाया.कांग्रेस ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि इस मामले में शिवरतन शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह एक सुनियोजित राजनीतिक हिंसा है, जिसमें शिवरतन शर्मा ने उकसाने का काम किया और स्थिति को और भी बिगाड़ा.
यह राजनीतिक हिंसा की निंदनीय घटना है, जिसमें बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा ने जानबूझकर उकसाने की कोशिश की. हम पुलिस प्रशासन से मांग करते हैं कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जाए और एफआईआर दर्ज की जाए. इसके साथ ही नगर पालिका के प्रशासक के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाए, जिन्होंने इस कार्यक्रम के माध्यम से राजनीतिक पक्षपाती होने का उदाहरण प्रस्तुत किया-धनंजय सिंह ठाकुर, प्रवक्ता कांग्रेस
स्थानीय विधायक के बदले बीजेपी नेता को बुलाना पक्षपात : कांग्रेस के मुताबिक नगर पालिका के प्रशासक ने इस कार्यक्रम में पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा को बुलाने का निर्णय लिया, जो कांग्रेस के स्थानीय प्रतिनिधियों के अधिकारों का उल्लंघन था. कार्यक्रम का उद्घाटन स्थानीय विधायक का अधिकार था, और इस कार्यक्रम में उन्हें ही बुलाना चाहिए था, ना कि बीजेपी के नेता को. प्रशासक ने यह कदम उठाकर राजनीतिक पक्षपाती होने का उदाहरण प्रस्तुत किया, जिससे कार्यकर्ताओं के बीच आक्रोश पैदा हुआ और हिंसा की स्थिति बनी-
भाटापारा में हुई हिंसक झड़प छत्तीसगढ़ की राजनीतिक स्थिति को और भी जटिल बना सकती है. प्रशासन को अब एक ठोस रणनीति बनाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके और राज्य में शांति और व्यवस्था बनाए रखी जा सके. राजनीतिक दलों को भी यह समझना होगा कि लोकतंत्र में किसी भी प्रकार की हिंसा या झड़प की कोई जगह नहीं होनी चाहिए.
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