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पीएम किसान सम्मान निधि योजना में साइबर ठगी, बिहार के जमुई से दो आरोपी गिरफ्तार - FRAUD IN PM KISAN SAMMAN NIDHI

साइबर ठगों ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना में भी सेंधमारी कर डाली. एमसीबी पुलिस ने इसका खुलासा किया है.

FRAUD IN PM KISAN SAMMAN NIDHI
एमसीबी पुलिस की बड़ी कार्रवाई (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 15, 2025, 8:00 PM IST

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: एमसीबी पुलिस(मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर पुलिस) ने साइबर ठगी के बड़े मामले का खुलासा किया है. सरकारी योजना के नाम पर ठगों ने किसानों के खाते से पैसे पार किया. आरोपियों ने किसानों के खाते से 9 लाख से ज्यादा की रकम पार की. इस केस में एमसीबी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बिहार के जमुई से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

किसानों को दिया झांसा: आरोपियों ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना के नाम से एक APK फाइल (Android Package Kit file format) तैयार किया. उसके बाद ई सिम अपग्रेड करने के जरिए एमसीबी के किसान सूरज लाल से साइबर फ्रॉड को अंजाम दिया. ऐसा करने वाले दो आरोपी थे. जो बिहार के जमुई निवासी थे. यहीं से इन्होंने इस वारदात को अंजाम दिया. पांच दिसंबर 2024 से 7 जनवरी 2025 के बीच आरोपियों ने ठगी की वारदात को अंजाम दिया. उसके बाद जिस नंबर से ठगी हुई थी और जिससे किसानों को कॉल आया था. उसके आधार पर पुलिस ने पांच दिंसबर को केस दर्ज किया. एमसीबी पुलिस लगातार आरोपियों के फोन को सर्विलांस पर रखी हुई थी. इस दौरान इनके लोकेशन का पता चला. जो बिहार के जमुई का था.

आरोपियों ने सिम अपग्रेड करने के बहाने की ठगी: आरोपियों ने सिम अपग्रेड करने के बहाने इस ठगी को अंजाम दिया. फोन के सिम को फोर जी से फाइव जी में कनवर्ट करने का झांसा दिया. उसके बाद 5 दिसम्बर 2024 से 7 जनवरी 2025 के बीच 9 लाख से ज्यादा का रकम पार कर दिया. सात जनवरी के पीड़ित किसान ने पुलिस में केस दर्ज कराई. प्रार्थी की रिपोर्ट पर थाना खडगंवा में अपराध क्रमांक धारा 318 ( 4 )बीएनएस एवं 66 (डी) आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया.

11 जनवरी को जमुई गई एमसीबी पुलिस: एमसीबी पुलिस को जैसे ही आरोपियों का लोकेशन मिला. एमसीबी पुलिस की टीम जमुई के लिए रवाना हुई. वहां एमसीबी पुलिस के जवान दो दिनों तक आरोपियों के ठिकानों के पास फेरीवाला बनकर रहे. उसके बाद उनकी जांच पड़ताल की गई. 14 जनवरी 2025 को पुलिस ने आरोपियों को जमुई से गिरफ्तार किया. जिन दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है उनमें अमेष कुमार दास और राजेश वास शामिल हैं. दोनों चौफला थाना इलाके के रहने वाले हैं.अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक वाडेगांवकर और नगर पुलिस अधीक्षक चिरमिरी दीपिका मिंज ने इस टीम को लीड किया.

आरोपियों ने मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में भी इस तरह की वारदात को अंजाम दिया है. आरोपियों ने जुर्म स्वीकार कर लिया है. उसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया. अदालत ने आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है. इनके पास से दो मोबाइल फोन, दो डेबिट कार्ड और चार सिम कार्ड बरामद किए गए हैं-एमसीबी पुलिस

जमुई से एमसीबी लाए गए आरोपी: एमसीबी पुलिस ने जमुई कोर्ट से आरोपियों की ट्रांजिट रिमांड ली. उसके बाद आरोपियों को 15 जनवरी को जमुई से एमसीबी लाया गया. जांच के दौरान पुलिस ने कई खुलासे किए. आरोपियों से घटना में इस्तेमाल किए गए मोबाइल और डेबिट कार्ड को जब्त किया गया. इसके बाद इन खातों को फ्रीज कराया गया.

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मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: एमसीबी पुलिस(मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर पुलिस) ने साइबर ठगी के बड़े मामले का खुलासा किया है. सरकारी योजना के नाम पर ठगों ने किसानों के खाते से पैसे पार किया. आरोपियों ने किसानों के खाते से 9 लाख से ज्यादा की रकम पार की. इस केस में एमसीबी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बिहार के जमुई से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

किसानों को दिया झांसा: आरोपियों ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना के नाम से एक APK फाइल (Android Package Kit file format) तैयार किया. उसके बाद ई सिम अपग्रेड करने के जरिए एमसीबी के किसान सूरज लाल से साइबर फ्रॉड को अंजाम दिया. ऐसा करने वाले दो आरोपी थे. जो बिहार के जमुई निवासी थे. यहीं से इन्होंने इस वारदात को अंजाम दिया. पांच दिसंबर 2024 से 7 जनवरी 2025 के बीच आरोपियों ने ठगी की वारदात को अंजाम दिया. उसके बाद जिस नंबर से ठगी हुई थी और जिससे किसानों को कॉल आया था. उसके आधार पर पुलिस ने पांच दिंसबर को केस दर्ज किया. एमसीबी पुलिस लगातार आरोपियों के फोन को सर्विलांस पर रखी हुई थी. इस दौरान इनके लोकेशन का पता चला. जो बिहार के जमुई का था.

आरोपियों ने सिम अपग्रेड करने के बहाने की ठगी: आरोपियों ने सिम अपग्रेड करने के बहाने इस ठगी को अंजाम दिया. फोन के सिम को फोर जी से फाइव जी में कनवर्ट करने का झांसा दिया. उसके बाद 5 दिसम्बर 2024 से 7 जनवरी 2025 के बीच 9 लाख से ज्यादा का रकम पार कर दिया. सात जनवरी के पीड़ित किसान ने पुलिस में केस दर्ज कराई. प्रार्थी की रिपोर्ट पर थाना खडगंवा में अपराध क्रमांक धारा 318 ( 4 )बीएनएस एवं 66 (डी) आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया.

11 जनवरी को जमुई गई एमसीबी पुलिस: एमसीबी पुलिस को जैसे ही आरोपियों का लोकेशन मिला. एमसीबी पुलिस की टीम जमुई के लिए रवाना हुई. वहां एमसीबी पुलिस के जवान दो दिनों तक आरोपियों के ठिकानों के पास फेरीवाला बनकर रहे. उसके बाद उनकी जांच पड़ताल की गई. 14 जनवरी 2025 को पुलिस ने आरोपियों को जमुई से गिरफ्तार किया. जिन दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है उनमें अमेष कुमार दास और राजेश वास शामिल हैं. दोनों चौफला थाना इलाके के रहने वाले हैं.अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक वाडेगांवकर और नगर पुलिस अधीक्षक चिरमिरी दीपिका मिंज ने इस टीम को लीड किया.

आरोपियों ने मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में भी इस तरह की वारदात को अंजाम दिया है. आरोपियों ने जुर्म स्वीकार कर लिया है. उसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया. अदालत ने आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है. इनके पास से दो मोबाइल फोन, दो डेबिट कार्ड और चार सिम कार्ड बरामद किए गए हैं-एमसीबी पुलिस

जमुई से एमसीबी लाए गए आरोपी: एमसीबी पुलिस ने जमुई कोर्ट से आरोपियों की ट्रांजिट रिमांड ली. उसके बाद आरोपियों को 15 जनवरी को जमुई से एमसीबी लाया गया. जांच के दौरान पुलिस ने कई खुलासे किए. आरोपियों से घटना में इस्तेमाल किए गए मोबाइल और डेबिट कार्ड को जब्त किया गया. इसके बाद इन खातों को फ्रीज कराया गया.

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