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नींदड़ के किसानों का सामूहिक मौन अनशन, अपनी जमीन बचाने के लिए दी बड़े आंदोलन की चेतावनी - SILENT HUNGER STRIKE BY FARMERS

भूमि अवाप्ति के खिलाफ संघर्ष कर रहे नींदड़ के किसानों ने राष्ट्रीय युवा दिवस पर अनशन कर सरकार को चेतावनी दी. अनिश्चितकालीन धरना जारी.

Silent hunger strike by farmers
किसानों का सामूहिक मौन अनशन (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 12, 2025, 8:08 PM IST

जयपुर : जेडीए की आवासीय कॉलोनी में भूमि अवाप्ति को लेकर वर्ष 2010 से संघर्ष कर रहे किसानों ने राष्ट्रीय युवा दिवस पर स्वामी विवेकानंद के चित्र के समक्ष मौन अनशन करते हुए अपना विरोध जताया. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि नींदड़ का किसान अपनी जमीन के लिए आगामी समय में बड़ा आंदोलन करेगा और एक इंच जमीन सरकार को नहीं देगा. अपनी जमीन बचाने के लिए नींदड़ के किसानों का अनिश्चितकालीन धरना 52वें दिन भी जारी रहा.

नींदड़ बचाओ युवा किसान संघर्ष समिति के संयोजक डॉ. नगेन्द्र सिंह शेखावत के नेतृत्व में किसानों और कॉलोनीवासियों ने सामूहिक मौन अनशन किया और सरकार की जबरन भूमि अवाप्ति के विरोध में अपने मुंह पर काली पट्टी बांधकर आक्रोश व्यक्त किया. राष्ट्रीय युवा दिवस पर स्वामी विवेकानंद की तस्वीर के सामने यह सामूहिक मौन अनशन शुरू किया गया.

किसानों ने अनशन कर सरकार को चेतावनी दी (ETV Bharat Jaipur)

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भूमि अवाप्ति के खिलाफ विरोध जारी :इससे पहले डॉ. नगेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि स्वामी विवेकानंद हमेशा अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले को युवा बताते थे. युवा होने का किसी व्यक्ति की उम्र से कोई संबंध नहीं है. वास्तविक युवा वह है जो समाज में हो रहे अन्याय के खिलाफ खड़ा होता है. इसी तरह नींदड़ के सभी 'युवा', जिनमें बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और पुरुष शामिल हैं, बीते 15 वर्षों से राजस्थान सरकार की जमीनी लूट के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं और स्वामी विवेकानंद के दिखाए रास्ते पर चल रहे हैं.

डॉ. नगेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि इस कड़ाके की ठंड और बारिश के दौर में बीते 52 दिन से किसान और कॉलोनीवासी लगातार 24 घंटे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठकर राजस्थान सरकार से अपनी जमीनों को अवाप्ति से मुक्त करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार का कोई प्रतिनिधि आज तक उनसे मिलने नहीं आया.

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि चुनाव आयोग चुनावों में जनता से वोट करने की अपील करता है और उसकी अपील पर मतदाता लोकतंत्र का मान रखते हुए अपना अमूल्य वोट देता है, लेकिन जब वही मतदाता आज नींदड़ में अपनी जमीनों को अवाप्ति से मुक्त कराने के लिए अनिश्चितकालीन धरना दे रहा है, तो उनका वोट लेने वाला जनप्रतिनिधि उनकी मांगों पर कार्यवाही तो दूर, उनसे मिलने भी नहीं आ रहा है, तो क्या चुनाव आयोग चुने हुए जनप्रतिनिधियों की जनता के प्रति जिम्मेदारी तय नहीं कर सकता ?

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