बांसवाड़ा: धर्मांतरण के मामले को हल्के में लेने पर गढ़ी तहसीलदार, एक क्लर्क और हैड कांस्टेबल को निलंबित कर दिया है. जिला प्रशासन ने तहसीलदार भगवतीलाल जैन और उनके अधीन कनिष्ठ लिपिक सुनील कुमार मीणा और एसपी ने हैड कांस्टेबल सुरेश चंद्र को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. साथ ही धर्मांतरण के मामले में रिपोर्ट भी दर्ज कर ली गई है. अब इस मामले की जांच थाना अधिकारी करेंगे.
कलेक्टर डॉ इंद्रजीत यादव ने बताया कि तहसीलदार एवं कार्यपालक मजिस्ट्रेट गढ़ी भगवती लाल जैन ने बिना सूचना मुख्यालय छोड़ा था. साथ ही अपने अधीन एक क्लर्क को फोन पर आदेश देकर जमानत ले ली थी. दायित्व के प्रति इस घोर लापरवाही से क्षेत्र में कानून एवं शांति व्यवस्था खराब होने की आशंका बनी. इसके दृष्टिगत जैन और कनिष्ठ लिपिक सुनील कुमार मीणा दोनों के खिलाफ राजस्थान सिविल सेवाएं (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली 1958 के नियमों के तहत कार्रवाई विचाराधीन की गई. साथ ही नियम 13 के तहत प्रदत्त शक्तियों के प्रयोग कर तहसीलदार जैन को तुरन्त प्रभाव से निलम्बित कर मुख्यालय कार्यालय कलेक्टर, बांसवाड़ा कर दिया गया. गढ़ी तहसीलदार का चार्ज अरथूना तहसीलदार को सौंपा है.
यह था मामला: बता दें कि परतापुर कस्बे के संतपुरा मोहल्ले में शुक्रवार को धर्म परिवर्तन कराए जाने के लिए कुछ लोग सक्रिय होने की सूचना पर पुलिस पहुंची. मौके से पांच लोगों को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया. इस संबंध में संतपुरा निवासी मोटाभाई ने रिपोर्ट दी, लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की. फिर दूसरे दिन शनिवार को पांचों आरोपी तोलसिंह पुत्र ज्योति गरासिया, सुरेश पुत्र पितर गरासिया, पप्पू पुत्र हुरमाल बलबाई, राजेश पुत्र बादरा गरासिया एवं मकनसिंह पुत्र कमजी को शनिवार को एसडीएम कोर्ट गढ़ी में पेश करना था, लेकिन पीठासीन अधिकारी अवकाश पर थे.
गढ़ी तहसीलदार के समक्ष प्रस्तुत करने की बात आई, लेकिन तहसीलदार जैन भी मुख्यालय पर नहीं थे. पीछे एक एएसआई के नेतृत्व में टीम आरोपियों को लेकर पहुंच गई, तो फोन पर संपर्क के बाद तहसीलदार जैन ने अपने अधीन एलडीसी सुनील कुमार मीणा को जमानती दस्तावेजों प्राप्त करने के निर्देश दे दिए. फिर मीणा ने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर दस्तावेज स्वीकार कर लिए, जिससे पांचों आरोपियों को रिहा कर दिया गया.
उखड़े लोग तो उलझा प्रकरण: एसडीएम और तहसीलदार मुख्यालय पर नहीं होने के बावजूद आरोपियों की जमानत पर रिहाई से बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता विरोध में आ गए. इससे कानून-शांति व्यवस्था को लेकर आशंका उपजी, तब जानकारी पर उच्चाधिकारियों के आदेश पर गढ़ी पुलिस ने एफआईआर दर्ज की. एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला ने बताया कि मामले की लापरवाही बरतने पर हैड कांस्टेबल रमेश चंद्र को निलंबित कर दिया है. साथ ही दर्ज प्रकरण की जांच थाना अधिकारी स्वयं करेंगे.