शिवपुरी। कोलारस कृषि उपज मंडी में शनिवार को व्यापारियों ने एक किसान की ट्रॉली में भरी सरसों को नकली समझकर खुद को ठगा सा महसूस किया और विरोध जताते हुए डाक बंद कर दी. विवाद बढ़ने के बाद सरसों की जांच के लिए फूड इंस्पेक्टर को मंडी में बुलाना पड़ा. फूड इंस्पेक्टर द्वारा सरसों को असली बताने के बाद मंडी में दोबारा से खरीदी शुरू हो सकी. इस दौरान करीब एक घंटे तक मंडी में विवाद होता रहा और खरीदी बंद रही.
व्यापारियों ने किया विरोध
जानकारी के अनुसार, बामौरकलां का एक किसान सिरनाम रावत शनिवार को एक ट्रॉली सरसों लेकर मंडी में बेचने आया था. उसी ट्रॉली में दो कट्टे (बोरी) हल्की क्वालिटी के भी रखे हुए थे, जो सरसों के नीचे दब गए थे. जब व्यापारियों को इस बात का पता चला तो उन्होंने वह कट्टे निकलवाए. सरसों रंग छोड़ रही थी. ऐसे में व्यापारियों को लगा कि किसान सरसों के नाम पर कोई अन्य सस्ती चीज उन्हें टिकाने के लिए आया है. व्यापारियों ने इस बात का विरोध दर्ज कराते हुए मंडी में खरीदी बंद कर दी और मंडी सचिव को इस बात की जानकारी थी.
फूड इंस्पेक्टर ने बताया असली सच
व्यापारियों का कहना था कि सरसों के नाम पर कोई नकली चीज यह मंडी में बेचने के लिए आया है, इस पर एफआईआर होना चाहिए. मंडी सचिव आरपी सिंह ने मामले का समाधान करने के लिए खाद्य निरीक्षक विष्णुदत्त शर्मा को मंडी में बुलवाया. विष्णुदत्त शर्मा ने जब कट्टों में रखी सरसों का परीक्षण किया तो वह सरसों ही निकली, लेकिन उसकी क्वालिटी हल्की थी. किसान का कहना था कि उसे अगर यह सरसों बेचनी होती वह पहले ही उसे पूरी ट्रॉली में मिला देता. वह तो इस सरसों का तेल निकलवाने के लिए लाया था, क्योंकि इसकी क्वालिटी कमजोर थी. करीब एक घंटे तक चले विवाद के बाद समाधान हाे सका और खरीदी दोबारा से चालू हो सकी.