रायपुर: सावन के महीने में शिववास और अग्निवास का काफी महत्व होता है. सावन का महीना 22 जुलाई यानि सोमवार से शुरू हो रहा है और 19 अगस्त यानि सोमवार को समापन हो रहा है. यह पूरा सावन महीना 29 दिनों का रहेगा, जिसमें 5 सोमवार पड़ रहे हैं. सावन का पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित माना गया है. सावन में शिव मंदिरों में "ओम नमः शिवाय" के साथ शिव मत्रों की गूंज सुनाई देती है. भक्त भगवान भोलेनाथ भगवान रुद्र को प्रसन्न करने के लिए जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक करके भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करते हैं. जातक के ऐसा करने से भगवान रुद्र उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगे.
जानिए क्या कहते हैं ज्योतिष:सावन माह में शिववास और अग्निवास क्यों खास है? जानने के लिए ईटीवी भारत ने ज्योतिष पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी से बातचीत की. उन्होंने बताया कि "सावन का महीना सभी प्रकार के ताप, श्राप और पापों के निदान करने का महीना माना गया है. सावन में श्रवण नक्षत्र पूर्णिमा के दिन पड़ता है. सावन के महीने में श्रावणी उपाक्रम किया जाता है, जिसे रक्षाबंधन के नाम से जाना जाता है. इस वजह से सावन का पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित है, लेकिन सावन के महीने में शिववास देख ले तो सोने पे सुहागा माना जाता है. शिव का वास 3 स्थानों में होता है, तो वह शिववास काफी अच्छा माना जाता है. जुलाई के महीने में शिववास 23, 25, 26 और 29 तारीख को है. अगस्त के महीने में शिववास 1, 2, 3, 6, 9, 10, 13, 16, 17 और 18 तारीख को है. इन तारीखों में भगवान शिव का अभिषेक करने पर भगवान रुद्र सारी खुशियां देते हैं."