भोपाल: राजधानी भोपाल में घटी विश्व की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी भोपाल गैस कांड को लेकर प्रशासन ने आज से बड़ी तैयारी शुरू की है. यूनियन कार्बाइड कारखाना गोदान में रखा 337 टन जहरीला कचरा राजधानी भोपाल से हटाया जा रहा है. कोर्ट में सुनवाई के बाद आए निर्णय के बाद से इसकी पूरी तैयारी की जा रही थी. जनवरी तक यह पूरा कचरा पीथमपुर में ले जाकर जलाया जाएगा. हालांकि इसको लेकर बीच में विवाद की स्थिति बनी थी. इस बीच आज से पुलिस की निगरानी में यह पूरा काम प्रारंभ हो गया है.
अफसरों ने सिक्योरिटी प्रॉटोकॉल का लिया जायजा, बिना आधार कार्ड अफसरों की एंट्री नहीं
भोपाल गैस त्रासदी के कलंक को 40 साल बाद अब साफ करने की तैयारी लगभग पूरी हो गई है. यूनियन कार्बाइड कारखाने के गोदाम में रखा 337 टन जहरीला कचरा हटाया जाना है. इसको लेकर शनिवार को पुलिस, प्रशासन और अलग-अलग विभागों की टीम इसके परिसर में पहुंचे. यहां पर अफसरों ने सिक्योरिटी प्रॉटोकॉल का जायजा लिया. ये तय किया गया कि यहां पर जितने भी अफसरों की ड्यूटी लगाई गई है, उनको बिना आधार कार्ड दिखाए एंट्री नहीं दी जाएगी.
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यहां पर एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा. यहीं से पूरे परिसर और उसके बाहरी हिस्से की मॉनिटरिंग की जाएगी. सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. इसके बाद देर रात से परिसर में पुलिसकर्मियों की तैनाती समेत बाकी तैयारियां शुरू हो गईं. रविवार तड़के तक 100 से ज्यादा पुलिस बलों को तैनात कर दिया गया है. परिसर के आसपास बैरिकैडिंग की गई है. अलग-अलग एजेंसियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है.