शिवहर: बिहार सरकार एक तरफ भूमि सर्वेक्षण को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है. अपने इस कदम को ऐतिहासिक बताने का कोई भी मौक़ा बिहार सरकार नहीं गंवा रही है. वहीं दूसरी तरफ भूमि सर्वेक्षण को लेकर अफसरशाही बेहद हावी नज़र रही है. आए दिन भूमि सर्वेक्षण को लेकर चौंकाने वाले एक से बढ़कर एक मामले सामने आ रहे हैं.
मापी के लिए दौड़ रहे 75 साल के बुजुर्ग: ताज़ा मामला शिवहर जिले के पिपराही प्रखंड के ग्राम सिंगाही का है. जहां देवेंद्र कुमार सिंह नाम के एक बुजुर्ग किसान पिछले कई महीनों से अंचलाधिकारी यानी सीओ तरूलता कुमारी के दफ़्तर का चक्कर काटने को मज़बूर हैं. पीड़ित बुजुर्ग देवेंद्र कुमार सिंह करीब 75 साल के हैं. बुजुर्ग किसान के मुताबिक़ उनकी ज़मीन पर गाँव के कुछ लोग काफी वक़्त से क़ब्ज़ा जमाए हुए हैं, जिसकी नापी उन्होंने प्राइवेट अमीन से कराई. जिसमें जमीन का कुछ हिस्सा जो उनके जमीन का है, उसपर बगल से ज़मीन के मालिक ने गैरकानूनी तरीके से अपना क़ब्ज़ा जमा रखा है और वो उस मापी को मानने को तैयार नहीं हैं.
सीनियर सिटीजन के साथ ये कैसा सलूक ? : इसलिए पीड़ित किसान देवेंद्र कुमार सिंह ने ज़मीन की नपाई के लिए ऑन लाइन आवेदन किया और अमीन के लिए जमीन मापी के लिए 500 रुपए की राशि का भुगतान 09 अगस्त 2024 को किया. इतना ही नहीं, सीओ के दफ़्तर में उसकी प्रति जमा करा दी, कई दिन गुजर जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई तो सीओ तरूलता कुमारी से मिलने पहुंचे. लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी सीओ साहिबा नहीं मिली, वो वापस लौट गए. दूसरे दिन फिर उनसे मिलने पहुंचे, फिर मैडम ने मिलने से इनकार कर दिया. इसके बाद उनसे फ़ोन के ज़रिए संपर्क साधने की कोशिश की. लेकिन न तो मुलाकात हुई और न ही बात.
''जब मैं दफ्तर आता हूं और कागज भेजता हूं तो सीओ साहिबा मुलाकात नहीं करती हैं. दो-तीन महीना से दौड़ रहा हूं और बीमार हो गया हूं. कागज नाजिर साहब को दिया था. उसमें भी दीमक लग गया है तो उन्होंने पर्ची लाने के लिए कहा. वह भी ला दी. मैं हार्ट का पेशेंट हूं और बीमार हूं. मुझे तकलीफ हो रही आने में और लगातार दौड़ाया जा रहा है. नापी के लिए पैसा भी जमा कर दिया है लेकिन वो आज तक नहीं हो पाई है.''- देवन्द्र कुमार सिंह, पीड़ित बुजुर्ग किसान