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नवरात्रि 2024: पालकी पर सवार होकर आ रही मां, अर्थव्यवस्था और सुरक्षा के लिए अच्छे संकेत नहीं, करना होगा ये उपाय - SHARDIYA NAVRATRI 2024 - SHARDIYA NAVRATRI 2024

शारदीय नवरात्रि 2024 इस बार 3 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं. इस बार देवी की सवारी शेर की जगह पालकी पर सवार होकर आ रही है. माना जा रहा है कि यह अर्थव्यवस्था और सुरक्षा के लिए अच्छा संकेत नहीं है. इसके लिए उपाय बताए गए हैं.

SHARDIYA NAVRATRI 2024
शारदीय नवरात्रि 2024 (ETV Bharat Bharatpur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 1, 2024, 3:55 PM IST

भरतपुर:शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं. मंदिरों में देवी मां की पूजा की तैयारियां शुरू हो गई है. इस बार देवी मां की सवारी पालकी पर सवार होकर आ रही है. माना जा रहा है कि मां का पालकी पर सवार होकर आना अर्थव्यवस्था और सुरक्षा के लिए अच्छे संकेत नहीं है. इसलिए इस बार नवरात्रि में श्रृद्धालुओं को देवी मां के साथ ही हनुमान जी और भैरव की भी पूजा करनी होगी. साथ ही शुभ फल प्राप्ति के लिए पूजा के साथ जीव सेवा पर भी विशेष ध्यान देना होगा.

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ये संकेत अच्छे नहीं:पंडित मनु मुद्गल ने बताया कि इस बार शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक हैं. मां दुर्गा का वाहन शेर है, लेकिन इस बार मां पालकी में सवार होकर आ रही हैं. जब भी मां पालकी पर सवार होकर आती हैं, तो इसे अच्छे संकेत नहीं माना जाता. पालकी में सवार होकर आने से अर्थव्यवस्था में गिरावट, धनहानि, सुरक्षा पर खतरा, बीमारी आदि का खतरा रहता है.

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इस मुहूर्त में करें घट स्थापना:पंडित मनु मुद्गल ने बताया कि नवरात्रि के लिए घट स्थापना का शुभ मुहूर्त 3 अक्टूबर को सुबह 6.15 बजे से सुबह 7.22 तक है. इसके बाद अभिजीत मुहूर्त सुबह 11.46 बजे से दोपहर 12.33 बजे तक रहेगा. घट स्थापना के वक्त घट के जल में इत्र, बतासा, लौंग, इलायची, सुपारी आदि डालें. नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर अशोक या आम के पत्तों के साथ कलश के मुख पर रखें. साथ ही साफ मिट्टी में जौ के बीज बोएं. गेंहू, चावल आदि के साथ अखंड दीपक प्रज्वलित करें.

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पंडित मनु मुद्गल ने बताया कि इस बार नवरात्रि में हर दिन मां के साथ हनुमान जी और भैरव की भी विशेष पूजा आराधना करनी होगी. इससे श्रृद्धालुओं को विशेष फल की प्राप्ति होगी. साथ ही धन हानि और अन्य नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सकेगा. साथ ही श्रृद्धालु नवरात्रि के दौरान गाय को हरा चारा, चींटी को अन्न आदि खिलाएं. इससे भी लाभ होगा.

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