राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

इस बार 10 दिन तक मनाया जाएगा नवरात्र का पर्व, जानिए घटस्थापना का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त और पूरी विधि - Shardiya Navratri 2024

Navratri 2024 Kalash Sthapana, शारदीय नवरात्र के पर्व की गुरुवार से शुरुआत हो रही है. नवरात्रि पर शुभ संयोग बन रहा है, जिसके चलते इस बार 10 दिन तक नवरात्र का पर्व मनाया जाएगा. नवरात्र में घटस्थापना करके माता की आराधना की जाती है. ऐसे में आज हम आपको घटस्थापना का सर्वश्रेष्ठ व शुभ मुहूर्त से लेकर स्थापना तक की पूरी विधि बताने जा रहे हैं. देखिए बाड़मेर से ये रिपोर्ट...

Navratri 2024 Kalash Sthapana
घट स्थापना का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त (ETV Bharat)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 2, 2024, 9:04 PM IST

बाड़मेर : शारदीय नवरात्र को लेकर रौनक शुरू हो गई है. वहीं, नवरात्र के पहले दिन यानी गुरुवार को घटस्थापना का विशेष महत्व है. नवरात्र के खास मौके पर पंडित ओमप्रकाश जोशी ने घटस्थापना के शुभ मुहूर्त से लेकर स्थापना की पूरी विधि के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होगी.

यह रहेगा सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त : घटस्थापना का प्रथम शुभ मुहूर्त प्रातः 06 बजकर 35 मिनट से 08 बजकर 03 मिनट तक रहेगा. इसके बाद दूसरा मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 03 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा. यह अभिजीत और श्रेष्ठ मुहूर्त है. घटस्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ रहता है. हालांकि, इसके बाद भी अलग-अलग चौघड़िया में स्थापना की जा सकती है.

पंडित ओमप्रकाश जोशी (ETV Bharat Barmer)

नवरात्र बढ़ने से ज्ञान और धन में होगी वृद्धि : पंडित जोशी ने बताया कि इस बार दो तृतीया तिथि होने की वजह से एक नवरात्र बढ़ रहा है. नवमी की शाम को विजयदशमी मनाई जाएगी. गुरुवार से नवरात्र की शुरुआत हो रही है, जिसे ज्ञान और धन की वृद्धि के साथ देश में खुशहाली रहेगी. उन्होंने बताया कि जब भी नवरात्र बढ़ता है तो दीपावली पर अच्छा प्रभाव रहने के साथ धनलक्ष्मी बरसती है.

पढ़ें :इस बार देशभर में दस दिन तक मनाए जाएंगे नवरात्र, तीन अक्टूबर को होगी स्थापना - Shardiya Navratri 2024

ऐसे करें स्थापना : पंडित ओमप्रकाश जोशी ने घटस्थापना की विधि बताते हुए कहा कि नवरात्र की शुरुआत में घर या मंदिर में कलश स्थापना ना करें. इससे पहले एक ग्लास में गंगाजल और पानी मिलाकर उसके ऊपर नारियल रखें. माताजी की तस्वीर पर माला पहनाकर चुनरी ओढ़ाएं. घी और तेल का अखंड ज्योत प्रज्जवलित करें. माताजी का आह्वान कर उनको धूप, दीप, अक्षत, पुष्प और प्रसाद अर्पित करें. विधि-विधान से पूजा-अर्चना के साथ स्थापना करके पूरे नवरात्र में माताजी की आराधना करें. इस दौरान अपने सामर्थ्य के अनुसार उपवास भी रख सकते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details