भोपाल:देश में गाय को राष्ट्रीय माता घोषित करने की मांग को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद तमाम राज्यों की यात्रा पर निकले हैं. गौ प्रतिष्ठा यात्रा 16 वें राज्य मध्य प्रदेश पहुंची और भोपाल में उन्होंने गौ ध्वज फहराया. भोपाल में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने प्रधानमंत्री मोदी सहित तमाम नेताओं को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि देश में सबसे पहले महाराष्ट्र की सरकार ने गौमाता को राज्यमाता का दर्जा दिया है, लेकिन हमेशा ट्विटर पर एक्टिव रहने वाले और गाय के साथ फोटो खिंचवाकर पोस्ट करने वाले एक भी नेता ने इसका पर अपना मत व्यक्त नहीं किया. गौमाता के नाम पर बीजेपी-कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने धोखा दिया है. उन्होंने कहा कि मोहन भोपाल के गोपाल हैं.
आखिर सरकारें क्यों हैं मौन
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि 'भारत के राष्ट्रीय चिन्ह में चार शेर होते हैं और इसके नीचे बैल, घोड़ा, हाथी और सिंह बने हुए हैं. हाथी, सिंह और घोड़े को मारने पर पाबंदी है, तो फिर गाय और बैल को मारकर उनके मांस की बिक्री क्यों होने दी जा रही है. देश के संविधान ने जिसे सम्मान दिया है, उसे मारकर बेचा जा रहा है. यह एक तरह से संविधान का भी अपमान है. शंकराचार्य ने कहा कि नए संसद भवन के उद्घाटन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने से भी आगे हाथ में सिंगोल को पकड़कर चल रहे थे. उस सिंगोल में सबसे ऊपर कमल के ऊपर नंदी बैठे हुए थे. जब नंदी को इतना सम्मान दिया जा रहा है, तो फिर गौ वंश की तस्करी और उनके काटकर बेचे जाने को लेकर सरकारें मौन क्यों हैं.'
सबसे पहले महाराष्ट्र ने दिया दर्जा
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि '16वें राज्य के रूप में वे मध्य प्रदेश पहुंचे हैं, लेकिन गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिए जाने की दिशा में सबसे पहले महाराष्ट्र ने कदम उठाया है. महाराष्ट्र ने गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने के लिए सबसे पहले प्रस्ताव पास किया है, लेकिन दुख की बात है कि हमेशा छोटी-छोटी बातों पर सोशल मीडिया पर ट्वीट करने वाले एक भी नेता ने इस पर अपनी खुशी जाहिर नहीं की. गाय के साथ फोटो खिंचवाने वाले प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस पर कुछ नहीं कहा.