जयपुर :गाय को राष्ट्र माता का दर्जा देने के मकसद से आयोजित की जा रही गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा शुक्रवार को जयपुर पहुंची. इस मौके पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती भी यात्रा के साथ जयपुर पहुंचे, जहां विद्याधर नगर स्टेडियम में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों से आए गौ भक्त और संत समाज के लोग शामिल हुए. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि अशोक स्तंभ पर कई जानवर हैं, जिनमें शेर, हाथी, घोड़े और बैल शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि शेर को मारा नहीं जा सकता है, क्योंकि सरकार उस पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है. ऐसे ही हाथी और घोड़े को भी नहीं मारने दिया जाता, लेकिन बैल भी हिंदू आस्था का प्रतीक है. शंकराचार्य ने कहा कि हिंदू इतने सस्ते हो गए हैं कि हमारे ही देश में हमारे ही वोटों से बनी सरकार अब हमारा अनादर कर रही है. ऐसे में इस पर हमें पुनर्विचार करने की आवश्यकता है.
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (ETV BHARAT JAIPUR) इसे भी पढ़ें -नाना पटोले के बयान पर बरसे शंकराचार्य, बोले- राम मंदिर से पहले खुद को शुद्ध करे कांग्रेस, मोदी को लेकर कही बड़ी बात - SHANKARACHARYA AVIMUKTESHWARANAND
उन्होंने कहा कि हम विचार करेंगे कि जिस राष्ट्रीय चिन्ह पर बैल अंकित किया गया है, उसको डॉलर के लिए विदेशों में निर्यात किया जा रहा है और इसकी अनुमति वे लोग दे रहे हैं, जो संविधान की शपथ लेते हैं. शंकराचार्य ने कहा कि या तो सरकार इस पर बड़ा एक्शन ले, नहीं तो हमें अनुमति दे कि इस राष्ट्रीय चिन्ह से बैल को हम लोग ही अलग कर लें.
वोट नहीं देने का संकल्प :शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि सरकार या तो गोवंशों के निर्यात पर मृत्युदंड की व्यवस्था करे. कम से कम हम सनातन धर्मियों को संकल्प लेना पड़ेगा कि जो शपथपूर्वक गौ रक्षा का वचन नहीं देता, उसे हिंदू होने के नाते वोट नहीं देंगे और हम इसका संकल्प लेते हैं. दरअसल, महाराष्ट्र में गौ माता को राज्य माता का दर्जा दे दिया गया है. ऐसे में संतों का कहना है कि राजस्थान और अन्य राज्यों को भी गौ माता को राज्य माता का दर्जा देना चाहिए. पहले गौ राज्य माता बनेगी, तभी राष्ट्र माता बनेगी.