शहडोल।शहडोल जिला आदिवासी बाहुल्य है. यहां के ज्यादातर आदिवासी वर्ग के मजदूर काम के लिए बाहर पलायन करते हैं. ये मजदूर देश के विभिन्न राज्यों में काम करने के लिए जाते हैं. ताजा मामला शहडोल जिले के 12 आदिवासी युवकों का है. आंध्र प्रदेश के चित्तूर में इन मजदूरों के सथ बंधकों जैसा व्यवहार किया जा रहा है. किसी प्रकार इन मजदूरों ने इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी है.
मजदूरों के परिजनों ने एसपी को सौंपा पत्र
पीड़ित मजदूरों के परिजनों ने एसपी से उन्हें घर वापस लाने की गुहार लगाई है. परिजनों ने बताया कि ये पत्र एसपी को उन्होंने 5 फरवरी को सौंपा है. लेकिन इसमें 9 दिन के बाद भी अब तक कुछ भी नहीं हुआ. परिजनों ने बताया कि वहां उनके बच्चों के साथ बंधकों जैसा व्यवहार किया जा रहा है. एक सप्ताह काम कराया, पैसे मांगने पर नहीं दिए. उन पर लगातार निगरानी रखी जा रही है. उन्हें डराया धमकाया जा रहा है. यह भी कहा जा रहा है कि अगर गुपचुप तरीके से वापस लौटे तो जिंदा घर नहीं पहुंच पाओगे. उनके साथ जानवरों जैसा सुलूक किया जा रहा है. वहीं, एसपी कुमार प्रतीक का कहना है "शिकायत मिली है, जल्द ही वैधानिक कार्रवाई की जाएगी."