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जन्माष्टमी से पूर्व हुआ बिछड़े मां-बेटे का मिलन, 5 साल पहले घर से निकल गई थी बीमार मां - Apna Ghar Ashram

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 24, 2024, 3:38 PM IST

Apna Ghar Ashram, पांच साल पहले सूरत से मानसिक विमंदित हालत में घर से निकली प्रभुजी गीता देवी का बीते कई साल से अपना घर आश्रम में उपचार चल रहा था. शनिवार को गीता देवी के बेटे सुमित अपना घर आश्रम पहुंचे, जहां उनकी मुलाकात उनकी मां से हुई. इस पर बेटे सुमित ने आश्रम का आभार जताया.

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जन्माष्टमी से पूर्व हुआ बिछड़े मां-बेटे का मिलन (ETV BHARAT BHARATPUR)

भरतपुर : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से दो दिन पहले शनिवार को भरतपुर के अपना घर आश्रम में बिछड़े हुए मां-बेटे का 5 साल बाद भावुक मिलन हुआ. मां से मिलकर बेटे सुमित ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने उसे उसकी मां से मिलाकर जीवन में सारी खुशियां लौटा दी हैं. 5 साल पहले गुजरात के सूरत से मानसिक विमंदित हालत में घर से निकली प्रभुजी गीता देवी का बीते कई साल से अपना घर आश्रम में उपचार चल रहा था. शनिवार को गीता देवी के बेटे सुमित अपना घर आश्रम पहुंचे, जहां उनकी मुलाकात उनकी मां से हुई.

अपना घर आश्रम समिति के सचिव बसंत लाल गुप्ता ने बताया कि गुजरात के सूरत की निवासी प्रभुजी गीता देवी मानसिक रूप से बीमार होने के कारण 5 साल पहले बेसुध हालत में घर से निकल गई थीं. 6 मई, 2019 को गीता देवी को भरतपुर रेलवे स्टेशन से अपना घर आश्रम लाया गया, जहां सेवा व उपचार के लिए उन्हें भर्ती किया गया. सेवा और उपचार के बाद गीता देवी के स्वास्थ में सुधार हुआ तो उन्होंने अपना पता बताया. अपना घर आश्रम की पुर्नवास टीम ने उनके घर के पता तालंगपुर, सूरत, गुजरात में संबंधित पुलिस थाना पर सूचना भिजवाई.

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पुलिस ने प्रभु जी गीता देवी के परिजनों को उनकी मां के जीवित और स्वस्थ होने की सूचना दी. सूचना मिलते ही शनिवार को प्रभुजी गीता देवी का बेटा सुमित, भाई नंदलाल गुप्ता और बहन संगीता गुप्ता अपना घर आश्रम पहुंचे. आश्रम में जैसे ही मां- बेटा एक दूसरे के सामने आए तो एक दूसरे से लिपटकर फफक पडे और दोनों की आंखों से अश्रुधारा बहने लगी. मां बेटा का भावुक मिलन देखकर सभी की आँखें नम हो गईं.

बेटा सुमित ने बताया कि 5 साल पहले मां जब घर से निकली थी तो मेरी उम्र सिर्फ 12 साल थी. मां के घर से निकलने के 15 दिन बाद ही गम में पिताजी का देहांत हो गया. माता पिता का हाथ सिर से हटते ही मानी जीवन में अंधेरा छा गया.

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भाई नंदलाल गुप्ता ने बताया कि गीता देवी का एक बेटा सुमित और दो बेटी हैं. बडी बेटी की शादी इनके सामने ही हो गई थी. जबकि बेटा सुमित ने मेहनत मजदूरी करके अपना व छोटी बहिन का भरण-पोषण किया और उसकी शादी की. आज मां के मिलने से बेटा के बेरंग जीवन में खुशियां लौट आयी हैं. अपना घर की पुर्नवास प्रक्रिया पूर्ण कर बेटा सुमित अपनी मां गीता देवी को अपने साथ सूरत ले गया.

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