सिवनी :सिवनी जिले के पेंच टाइगर रिजर्व में बाघ का 4 माह का शावक मृत अवस्था में मिला. बाघ की मौत को लेकर जबलपुर के स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फॉरेंसिक एंड हेल्थ की टीम जांच कर रही है. जबलपुर के इस संस्थान में जंगली जानवरों की मृत्यु को लेकर जांच की जाती है. हालांकि इस मामले में संस्था की डायरेक्टर का कहना है कि बाघ के बच्चे के शरीर पर कोई संदिग्ध निशान नहीं मिले हैं. पूरी जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.
पेंच टाइगर रिजर्व में बाघ की मौत का रहस्य आखिर क्या है? फॉरेंसिक टीम भी उलझी - SEONI PENCH TIGER RESERVE
पेंच टाइगर रिजर्व में बाघ की मौत के कारणों की जांच जबलपुर की स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फॉरेंसिक एंड हेल्थ की टीम कर रही है.
![पेंच टाइगर रिजर्व में बाघ की मौत का रहस्य आखिर क्या है? फॉरेंसिक टीम भी उलझी Seoni Pench Tiger Reserve](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/18-11-2024/1200-675-22925392-thumbnail-16x9-jbl-aspera.jpg)
By ETV Bharat Madhya Pradesh Team
Published : Nov 18, 2024, 5:35 PM IST
सिवनी के पेंच टाइगर रिजर्व के के अधिकारी रजनीश सिंह ने जबलपुर के स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फॉरेंसिक एंड हेल्थ सेंटर की डायरेक्टर शोभा जाबरे को फोन करके बताया कि टाइगर रिजर्व में 4 माह का एक बाघ का बच्चा मृत अवस्था में मिला है. टाइगर रिजर्व शावक की मौत की वजह जानना चाहता है. इसलिए उन्होंने इसकी की डेडबॉडी को जबलपुर के स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फॉरेंसिक एंड हेल्थ को सौंपा है. डॉ. शोभा जाबरे का कहना है"उन्होंने इस बाघ की डेड बॉडी को देखा है, इसकी उम्र लगभग 4 माह है. इसका वजन लगभग 14 से 15 किलो है. हालांकि इसके शरीर पर कहीं भी कोई चोट के निशान नहीं हैं, ना ही इसे किसी जानवर ने मारा है."
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पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत का कारण साफ होगा
डॉ. शोभा जाबरे का कहना है "प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि यह सामान्य मौत है. बाघिन सामान्य तौर पर 1 साल तक अपने बच्चों को अपने साथ रखती है. शावक की मौत किस परिस्थिति में यह तो पोस्टमार्टम के बाद ही पता चलेगा." बता दें कि स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फॉरेंसिक एंड हेल्थ के संस्थान में केवल जंगली जानवरों का पोस्टमार्टम ही नहीं किया जाता बल्कि यहां वाइल्ड लाइफ में पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाले और रिसर्च करने वाले स्कॉलर भी आते हैं. इसलिए इस बाघ की मृत्यु पर सभी मिलकर अध्ययन कर रहे हैं.