ग्वालियर: हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने मुरैना में जिला प्रशासन को एक पुराने कब्रिस्तान की टूटी हुई बाउंड्री वॉल बनाने पर रोक लगा दी है. बताया जा रहा है कि यह कब्रिस्तान एक सदी पुराना है. वहीं, कब्रिस्तान इंतजामिया कमेटी का कहना है कि "बाउंड्री वॉल बनाने के नाम पर वहां सड़क चौड़ीकरण का काम किया जा रहा था. जिससे उनके पूर्वजों की कब्रें बाहर आ रही थी. अब कोर्ट ने बाउंड्री वॉल के निर्माण के काम पर रोक लगा दी है."
सड़क चौड़ीकरण करने की थी आशंका
कमेटी के अधिवक्ता अनिल मिश्रा ने बताया कि "कब्रिस्तान की बाउंड्रीवाल को नगर निगम और जिला प्रशासन द्वारा बनवाया जा रहा था, लेकिन इसके पिलर कब्रिस्तान एरिया के अंदर लगाए जा रहे थे. कब्रिस्तान इंतजामिया कमेटी को आशंका थी कि बाउंड्री वॉल के भीतर पिलर गाड़कर सड़क चौड़ीकरण का कार्य किया जा रहा है. जबकि रेवेन्यू रिकॉर्ड में यह जमीन कब्रिस्तान के नाम पर दर्ज है.
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खुद के खर्चे पर बनाना चाहते हैं बाउंड्री
करबला इंतजामिया कमेटी ने कोर्ट से यह भी राहत मांगी है कि "वह अपने स्वयं के खर्चे पर इस कब्रिस्तान की बाउंड्री वॉल का निर्माण करना चाहते हैं. फिलहाल हाई कोर्ट ने मुरैना के इस पुराने कब्रिस्तान की बाउंड्री वॉल बनाने से जिला प्रशासन पर रोक लगा दी है. कमेटी ने यह भी आरोप लगाया कि उनके पूर्वजों की कब्रें हटाकर वहां नाली और सड़क बनाई जाएगी, जो उन्हें कतई मंजूर नहीं है.