कोरबा में मतदान दलों की दूसरे फेज की ट्रेनिंग, विपरीत हालात से निपटने के मिले टिप्स - Loksabha Election 2024 - LOKSABHA ELECTION 2024
कोरबा में मतदान दलों की दूसरे फेज के इलेक्शन की ट्रेनिंग सोमवार को दी गई. इस दौरान दलों को वोटिंग के दौरान कैसे विपरित परिस्थितियों से निपटना है, इसके तरीके बताए गए.
कोरबा: चुनाव आयोग के निर्देश पर लोकसभा चुनाव के लिए मतदान दलों को दूसरे चरण की ट्रेनिंग दी जा रही है. तीन दिनों तक चलने वाले ट्रेनिंग की शुरुआत सोमवार को हो गई है. दो शिफ्ट में पीठासीन अधिकारी और पीठासीन नंबर 1 को ट्रेनिंग दी गई. दूसरे चरण की ट्रेनिंग में मुख्य फोकस विपरीत हालात में कैसे काम करना है वह रहा.
अगर वोटिंग के दौरान ईवीएम बीच में काम करना बंद कर दे, तो इसकी सूचना कहां देनी है? विपरित परिस्थितियों को कैसे संभालना है? इन सभी चीजों की ट्रेनिंग सोमवार को मतदान दलों को दी गई. इसके साथ ही फर्जी, टेंडर वोटिंग और हंगामा होने पर परिस्थितियों से कैसे निपटना है. इसके बारे में भी टिप्स दिए गए.
पहले दिन 2160 मतदान कर्मियों को दी गई ट्रेनिंग:इस ट्रेनिंग देने के लिए कॉलेज के प्रोफेसर और हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य को मास्टर ट्रेनर नियुक्त किया जाता है. सोमवार को जिले के पांचों ब्लॉक कोरबा, कटघोरा, पाली करतला और कटघोरा में ट्रेनिंग दी गई. मुख्यालय में सबसे अधिक 960 लोगों को ट्रेनिंग के लिए बुलाया गया था, जिन्हें विद्युत गृह स्कूल में ट्रेनिंग दी गई. कोरबा विधानसभा के सभी 249 को पिंक बूथ बनाया गया है. यहां महिलाएं ही मतदान कराएंगी, जिन्हें ट्रेनिंग दी गयी है.
पहले दिन दो शिफ्ट में हुई ट्रेनिंग:मतदान दलों को सुबह 9 बजे से 1 बजे तक ट्रेनिंग दी गई. इसके बाद 2 से 5 बजे दूसरे शिफ्ट की ट्रेनिंग दी गई. इस दौरान मतदान दलों को मतदान के दौरान पूरी करने वाली प्रक्रियाओं से अवगत कराया गया. इसके बाद 16 और फिर 18 अप्रैल को भी ट्रेनिंग दी जाएगी. दूसरे और तीसरे दिन पीठासीन नंबर दो, तीन को ट्रेनिंग के लिए बुलाया जाएगा. प्रत्येक मतदान दल में पीठासीन अधिकारी के अलावा पीठासीन नंबर 1, 2 और 3 शामिल होते हैं. एक मतदान दल में कुल चार लोगों की ड्यूटी लगाई जाती है.
मतदान दलों को मतदान प्रक्रिया के तहत सारे प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं. दो पालियों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है. 10 कमरों में ट्रेनिंग हो रही है. इस दौरान सभी को कैसे विपरित परिस्थितियों से निपटना है, इसकी ट्रेनिंग दी गई है.-श्रीकांत वर्मा, एसडीएम और एआरओ
ट्रेनिंग के दौरान मतदान दलों को पहले चरण में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को शुरू करना और इसे हैंडल करने से संबंधित जानकारी दी जा चुकी है. दूसरे चरण में पूरा फोकस मतदान प्रक्रिया के दौरान आने वाली परेशानियों से निपटने पर है. इस दौरान यदि केंद्र में हंगामा हो जाए तो परिस्थितियों से कैसे निपटा जाए? फर्जी मतदान या टेंडर वोटिंग की शिकायत होने पर किन प्रक्रियाओं का पालन करना होगा? इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में खराबी आने पर किस तरह से रिजर्व में रखे वोटिंग मशीन को मंगाकर दोबारा वोटिंग शुरू कराना है. इस तरह की जानकारी से मतदान कर्मियों को लैस कराया गया.