रांची: झारखंड में I.N.D.I.A दलों के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय नहीं हुआ है. कयास यह लगाए जा रहे हैं कि झारखंड में इस बार 7-5-1-1 का फॉर्मूला पर ही I.N.D.I.A आगे बढ़ेगा. इसके अनुसार कांग्रेस 07 लोकसभा सीट, झारखंड मुक्ति मोर्चा 05 लोकसभा सीट, राजद 01 और सीपीआई माले को 01 लोकसभा सीट मिलेगा.
जाहिर है कि राष्ट्रीय जनता दल को 2019 लोकसभा चुनाव की तरह ही इस बार पलामू लोकसभा या फिर उसके बदले में चतरा लोकसभा सीट मिलने की संभावना है. चतरा और पलामू के राजद से जुड़े सोशल प्लेटफार्म पर हाल ही में राजद में शामिल हुई ममता भुइयां को पलामू से और सत्यानंद भोक्ता को चतरा लोकसभा सीट से राजद का उम्मीदवार बताया गया है. चतरा के हंटरगंज के 20 सूत्री उपाध्यक्ष जमील अख्तर तो अपने नाम के साथ यह पोस्ट कर रहे हैं.
दो लोकसभा सीट हमें मिलेगा ही-अनिता यादव
बिना सीट शेयरिंग फॉर्मूला तय हुए ही चतरा और पलामू लोकसभा सीट पर उम्मीदवार के नाम के साथ पोस्ट पर अनिता यादव ने कहा कि यह पार्टी के किसी पदाधिकारी द्वारा किया पोस्ट नहीं है. लेकिन यह भी सही है कि हमने 04 लोकसभा सीट से अपनी दावेदारी की थी, इसलिए 03 नहीं तो कम से कम 02 लोकसभा सीट राजद को जरूर मिलेगी.
तेजस्वी की है झारखंड पर नजर- JMM
राजद के जिला स्तर के नेताओं द्वारा अपनी तरफ से ही महागठबंधन में दो सीट पर चुनाव लड़ने और प्रत्याशी का नाम तक तय करने पर झामुमो और कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि कहीं भी इस बार फ्रेंडली फाइट जैसी स्थिति नहीं बनेगी. उन्होंने कहा कि एक दो दिन में सबकुछ साफ हो जाएगा. झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता ने कहा कि कहीं यह लगता है कि राजद को दो सीट पर लड़ने से जीत की संभावना ज्यादा है. तब तेजस्वी I.N.D.I.A की बैठक में यह बात रखेंगे. फिलहाल अभी तक सीट को लेकर अंतिम फैसला नहीं हुआ है.
क्या हुआ था 2019 में
वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन में शामिल कांग्रेस को 09, झामुमो को 04 और राजद को 01 सीट मिला था. कांग्रेस ने भाजपा विरोधी मतों के बिखराव को रोकने के लिए अपने कोटे की 02 सीट कोडरमा और गोड्डा बाबूलाल मरांडी की पार्टी के लिए दे दी थी. तब लालू प्रसाद की पार्टी राजद को सिर्फ पलामू लोकसभा सीट मिला था. लेकिन राजद ने महागठबंधन के फैसले को नजरअंदाज करते हुए चतरा सीट से लालूप्रसाद के चहेते सुभाष यादव को मैदान में उतार दिया था. उस समय कांग्रेस के अधिकृत महागठबंधन प्रत्याशी मनोज यादव थे. चुनाव में दोनों की हार हुई थी और भाजपा ने बाजी मार ली थी.