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झारखंड के किसानों की आय बढ़ाने की तैयारी, विदेश भेजी जाएंगी सब्जियां और फल, सरकार भी करेगी मदद - JHARKHAND FARMERS

झारखंड के किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से निसा झारखंड के फलों और सब्जियों को वैश्विक मंच देने की तैयारी कर रही है.

Jharkhand Farmers
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 3, 2025, 3:49 PM IST

रांची: झारखंड के किसान अपने खेतों में बड़ी मात्रा में हरी सब्जियां उगाते हैं. सीजन में जब मांग से अधिक सब्जियां बाजार और मंडी में पहुंचती हैं, तो किसानों को उनका वाजिब दाम भी नहीं मिल पाता है. ऐसे में किसानों को हर साल आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में भारत सरकार की संस्था NISA (राष्ट्रीय माध्यमिक कृषि संस्थान, नामकुम, रांची) ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) में दो प्रोजेक्ट को अनुमति के लिए भेजा है, ताकि झारखंड दुनिया के अग्रणी देशों के मानकों पर खरा उतर सके और अपने फलों और सब्जियों को अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया, कनाडा, ब्रिटेन और अन्य यूरोपीय देशों में निर्यात कर सके.

NISA के निदेशक अभिजीत कर ने कहा कि या तो आप सब्जियों को सब्जी मंडी में भेजें या फिर आप उन्हें निर्यात करके ज्यादा पैसे कमा सकते हैं. सब्जियों और फलों के निर्यात के लिए कई मानकों को ध्यान में रखना पड़ता है, जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर का पैक हाउस बनाना, उदाहरण के लिए अगर आप अपने आमों को जापान, अमेरिका में बेचना चाहते हैं, तो उसे वेपर ट्रीटमेंट करना होगा. विभिन्न देशों द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप अपने उत्पादों को तैयार करने के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के तहत पैक हाउस और फूड टेस्टिंग लेबोरेटरी की परियोजना को स्वीकृति के लिए भेजा गया है.

झारखंड के किसानों की आय बढ़ाने की तैयारी (Etv Bharat)

निसा के निदेशक अभिजीत कर ने कहा कि राज्य में किसान बड़ी मात्रा में सब्जी और फल का उत्पादन करते हैं, लेकिन उन्हें अपनी मेहनत का ज्यादा लाभ नहीं मिल पाता है. अगर हम झारखंड की सब्जियों और फलों का 10% भी निर्यात करने में सक्षम हो जाएं, तो राज्य के सब्जी और फल उत्पादकों की आय दोगुनी से भी अधिक हो जाएगी.

राज्य से बड़ी मात्रा में उत्पादित कटहल, मटर, गोभी, अदरक, बैगन और कई अन्य सब्जियों का स्वाद विदेशों तक पहुंचाने के लिए निसा के प्रयासों की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने सराहना की. उन्होंने कहा कि झारखंड से कृषि उत्पादों के निर्यात की अपार संभावनाएं हैं. झारखंड एक ऐसा राज्य है, जहां प्राकृतिक रूप से जैविक खेती की जाती है. यहां के किसान खेतों में कीटनाशकों या रासायनिक खादों का इस्तेमाल कम ही करते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के किसानों के बेहतर जीवन के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है.

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मत्स्य उत्पादन को लेकर कार्यशाला का आयोजन, 200 किसान हुए शामिल

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NISA के निदेशक अभिजीत कर ने कहा कि या तो आप सब्जियों को सब्जी मंडी में भेजें या फिर आप उन्हें निर्यात करके ज्यादा पैसे कमा सकते हैं. सब्जियों और फलों के निर्यात के लिए कई मानकों को ध्यान में रखना पड़ता है, जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर का पैक हाउस बनाना, उदाहरण के लिए अगर आप अपने आमों को जापान, अमेरिका में बेचना चाहते हैं, तो उसे वेपर ट्रीटमेंट करना होगा. विभिन्न देशों द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप अपने उत्पादों को तैयार करने के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के तहत पैक हाउस और फूड टेस्टिंग लेबोरेटरी की परियोजना को स्वीकृति के लिए भेजा गया है.

झारखंड के किसानों की आय बढ़ाने की तैयारी (Etv Bharat)

निसा के निदेशक अभिजीत कर ने कहा कि राज्य में किसान बड़ी मात्रा में सब्जी और फल का उत्पादन करते हैं, लेकिन उन्हें अपनी मेहनत का ज्यादा लाभ नहीं मिल पाता है. अगर हम झारखंड की सब्जियों और फलों का 10% भी निर्यात करने में सक्षम हो जाएं, तो राज्य के सब्जी और फल उत्पादकों की आय दोगुनी से भी अधिक हो जाएगी.

राज्य से बड़ी मात्रा में उत्पादित कटहल, मटर, गोभी, अदरक, बैगन और कई अन्य सब्जियों का स्वाद विदेशों तक पहुंचाने के लिए निसा के प्रयासों की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने सराहना की. उन्होंने कहा कि झारखंड से कृषि उत्पादों के निर्यात की अपार संभावनाएं हैं. झारखंड एक ऐसा राज्य है, जहां प्राकृतिक रूप से जैविक खेती की जाती है. यहां के किसान खेतों में कीटनाशकों या रासायनिक खादों का इस्तेमाल कम ही करते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के किसानों के बेहतर जीवन के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है.

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