शिमला:हिमाचल की यह महिला अफसर पहाड़ के जीवन की जटिल व कठिन चुनौतियों को खूब समझती है. SDM काजा नियुक्त हुई शिखा खुद एक जनजातीय इलाके से आती हैं. इनके गांव में ना सड़क थी और ना ही अन्य मूलभूत सुविधाएं.
ऐसे में शिखा को जनता के दर्द का एहसास था. अब वह अफसर बन चुकी हैं तो उन्होंने आराम की जगह पोस्टिंग की बजाय कठिन क्षेत्र में लोगों की सेवा का विकल्प चुना है. ETV भारत से शिखा ने फोन पर बातचीत में कहा "मैं 2020 की HAS ऑफिसर हैं. उनकी पहली पोस्टिंग पंचरुखी में बतौर असिस्टेंट कमिश्नर डेवलपमेंट हुई थी. यहां कुछ समय सेवाएं देने के बाद उनको अगली तैनाती असिस्टेंट कमिश्नर रेवेन्यू के पद पर दी गई."
ऐसे में प्रशासनिक सेवाओं में चार साल के अनुभव के बाद अब इस महिला अफसर ने खुद ही दुर्गम जनजातीय क्षेत्र काजा में नौकरी के विकल्प को चुना और उनको क्षेत्र की पहली महिला SDM बनने का गौरव हासिल हुआ. शिखा का जन्म 14 फरवरी 1995 को चंबा जिला में भटियात के तहत पड़ने वाली पंचायत ककीरा के छोटे से गांव मंगनूह में हुआ जो एक अति दुर्गम क्षेत्र के तहत आता है. इस गांव में ना सड़क की और ना ही अन्य मूलभूत सुविधाएं थीं. घर से स्कूल काफी दूर था और कई किलोमीटर का सफर पैदल तय करना पड़ता था.
ऐसे में बचपन से उनके मन में लोगों की लोगों की सेवा का भाव घर कर गया जो आगे चलकर प्रशासनिक ऑफिसर बनने के बाद पूरा हुआ. शिखा सात बहनों में सबसे छोटी हैं. उनके उनके पिता भारतीय सेना से कैप्टन पद से रिटायर हुए हैं.
शिखा ने बताया उनकी माता का देहांत साल 2008 में हो गया था, उस समय वह आठवीं कक्षा में पढ़ती थीं. ऐसे में पिता ने ही माता का फर्ज पूरा कर कर सभी बहनों का पालन-पोषण किया. उन्होंने सरकारी स्कूल से पढ़ाई कर प्रशासनिक अधिकारी बनने का सफर तय किया है. शिखा ने बताया कि उन्होंने गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल ककीरा से प्लस टू तक की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्होंने गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज चुवाड़ी से बीएससी की डिग्री हासिल की.