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नोएडा में एक्सप्रेस वे पर खड़े डंपर में टकराने से स्कूटी सवार की हुई मौत, परिजनों ने दर्ज कराया मुकदमा - Scooty rider dies hitting dumper

Scooty rider dies hitting dumper: नोएडा में डंपर से टकराकर स्कूटी सवार की मौत होने की घटना सामने आई है. इसके बाद परिजनों डंपर चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.

नोएडा में स्कूटी सवार की मौत
नोएडा में स्कूटी सवार की मौत (ETV Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 26, 2024, 10:21 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा:नोएडा के दो अलग अलग थाना क्षेत्र में हादसे में दो लोग घायल हुए, जिनमें से एक की मौत हो गई है. पहले मामले में सेक्टर 39 क्षेत्र में महामाया फ्लाईओवर पर गलत तरीके से खड़े डंपर में टकराने से स्कूटी सवार गंभीर रूप से घायल हो गया. उपचार के दौरान उसके मौत हो गई. परिजनों ने थाना सेक्टर 39 में बुधवार को मामला दर्ज कराया. पुलिस डंपर चालक की तलाश कर रही है.

सरकारी जमीन पर प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज:वहीं एक अन्य मामले में नोएडा प्राधिकरण की जमीन पर अवैध प्लाटिंग कर बेचने के आरोप में चार लोगों को नामजद करते हुए बुधवार को मुकदमा दर्ज किया गया है. यह मुकदमा प्राधिकरण के अवर अभियंता की ओर से सेक्टर 39 थाने में दर्ज कराया गया है. थाना सेक्टर-39 के प्रभारी निरीक्षक जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि नोएडा प्राधिकरण के अवर अभियंता लोकेश शर्मा ने दिनेश कुमार, रवि चंद्र, दीपक भाटी तथा राम बहादुर को नामित करते हुए मुकदमा दर्ज करवाया है. उनका आरोप है कि ये लोग सलारपुर गांव की खसरा संख्या 765 की भूमि को अवैध तरीके से क्रय-विक्रय कर अवैध निर्माण कर रहे हैं. मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.

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43 लाख रुपये की धोखाधड़ी:इसके अलावा फ्लैट बुक कराने के नाम पर 43 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में सेक्टर-39 थाने में सुपरटेक बिल्डर एमडी आरके अरोड़ा, मोहित अरोड़ा, योगेश गोस्वामी, अनिल कुमार शर्मा, अनिल कुमार जैन, पीके गोयल व मंदीप जोशी के खिलाफ बुधवार को मुकदमा दर्ज किया गया है. मुकदमा न्यायालय के आदेश पर दर्ज हुआ. आरोप है कि सुरपटेक बिल्डर ने वर्ष 2012 में सेक्टर 118 में द रोमानो नाम की एक परियोजना शुरू की थी. इस आवासीय परियोजना के बारे में बिल्डर को 43 लाख 8 हजार रुपये का भुगतान किया गया, लेकिन शर्तों के मुताबिक बिल्डर की ओर से फ्लैट नहीं दिया गया. पीड़िता मीता ने 2018 में इसकी शिकायत यूपी रियल एस्टेट रेगुलटरी अथॉरिटी में की, जिसपर बिल्डर को ब्याज के साथ करीब 80 लाख रुपये की रकम वापस करने पर सहमति बनी. आरोप है कि इसमें से कुछ रकम वापस दी गई और बाद में बिल्डर ने रकम देने से मना कर दिया.

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