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इस समस्या से गांव में नहीं हो रहीं शादियां, दिल्ली में सरपंच का अनोखा प्रदर्शन - unique protest in Delhi

Sarpanch unique protest in Delhi केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद ये दावे किए जाते रहे हैं कि देश प्रदेश में सड़कों का जाल बिछा है.सरकार ने एक राज्य को दूसरे राज्य से जोड़ने के लिए कई मेगा प्रोजेक्ट्स लॉन्च किए हैं.जिसके कारण अब लोगों को एक जगह से दूसरे जगह तक सड़क मार्ग से आने जाने में कोई असुविधा नहीं होती.लेकिन ये दावे छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के एक गांव में खोखले साबित हो रहे हैं.यही वजह है कि गांव के सरपंच ने अपनी मांग मनवाने के लिए दिल्ली में अनोखा प्रदर्शन किया.Demand from Nitin Gadkari

Sarpanch unique protest in Delhi
गांव में नहीं हो रहीं युवाओं की शादियां (ETV Bharat Chhattisgarh)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 23, 2024, 1:06 PM IST

Updated : Jul 23, 2024, 1:32 PM IST

महासमुंद :आपने अपनी मांगों को मनवाने के लिए कई तरह के प्रदर्शन देखे होंगे.लेकिन महासमुंद जिले के एक सरपंच ने अपनी मांग को लेकर प्रदेश से ऊपर यानी देश की सरकार के सामने अनोखा प्रदर्शन किया. सरपंच का ये प्रदर्शन अब चारों ओर चर्चा का विषय बन चुका है. क्योंकि सरपंच की व्यथा कुछ ऐसी है कि जो भी इसे सुन रहा है वो सिर्फ इतना ही कह रहा है कि हां सड़क तो जरुरी है.

दिल्ली में सरपंच का अनोखा प्रदर्शन (ETV Bharat Chhattisgarh)

महासमुंद जिले के ग्राम पंचायत बम्बूरडीह के सरपंच शत्रुध्न चेलक ने दिल्ली की सड़क पर अनोखा प्रदर्शन किया.शत्रुध्न चेलक का ये प्रदर्शन सिर्फ 2 किलोमीटर लंबी सड़क के लिए था. सड़क के लिए सरपंच ने और किसी के सामने नहीं बल्कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री के घर के सामने लुढ़कते हुए अपनी मांगों को रखा.आपको जानकर हैरानी होगी कि सरपंच को इस प्रदर्शन के लिए खास तौर गांव वालों ने चंदा करके दिल्ली भेजा था. ताकि उनका जनप्रतिनिधि दिल्ली दरबार में जाकर अपनी समस्याओं को रख सके.

क्या है गांव की परेशानी ?:आपको बता दें कि महासमुंद जिले के रामाडबरी से बावनकेरा तक 2 किमी पक्की सड़क बननी है.जिसके लिए 2023 में 2 करोड़ 53 लाख 71 हजार रूपए की स्वीकृत राशि हुई.लेकिन अभी तक सड़क को बनाने के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है. रामाडबरी गांव बारिश के दिनों में किसी तालाब के बीच में बना टापू की तरह हो जाता है.गांव में पक्की सड़क नहीं होने से शिक्षक स्कूल नहीं आ पाते.मरीजों को अस्पताल ले जाने के लिए चारपाई के सहारे 8-10 लोगों को मेहनत करनी पड़ती है.राशन,किराना और सब्जी समेत दवाईयों का इंतजाम करने में भी ग्रामीणों के पसीने छूट जाते हैं.ये सब तो ठीक है लेकिन इस सड़क के कारण कई लोगों के घर नहीं बस पा रहे हैं.

नहीं बस रहे लोगों के घर ?:इस गांव के आबादी 900 के आसपास है. जिसमें सबसे ज्यादा परेशान युवा हैं.क्योंकि गांव में सड़क नहीं होने के कारण कोई भी अपनी बेटी इस गांव में ब्याहना नहीं चाहता है.इसलिए गांव में कुंवारों की संख्या बढ़ती जा रही है. शादी नहीं होने से कुंवारों की संख्या गांव में बढ़ती जा रही है.वहीं बुजुर्गों को भी ये चिंता सताने लगा है कि यदि उनकी घरों में डोलियां नहीं उतरी तो वंश आगे कैसे बढ़ेगा.इसलिए ग्रामीणों की मांग पर सरपंच ने सड़क बनवाने का बीड़ा उठाया और सड़क के लिए दिल्ली दरबार में आकर गुहार लगाई. सरपंच ने पहले महासमुंद क्षेत्र की सांसद से मिलने की कोशिश की.लेकिन जब बात नहीं बनीं तो केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के घर से सामने लोटकर प्रदर्शन किया.

''मैं मंत्री जी से ये निवेदन करने आया हूं कि रामाडबरी तक जो सड़क बनना है उसे जल्द से जल्द बनवाने का कष्ट करें.ताकि ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान हो सके.''-शत्रुध्न चेलक, सरपंच

हर दरवाजे पर की शिकायत नहीं हुई सुनवाई :सरपंच की माने तो उसने हर दरवाजे पर जाकर अपनी बात रखी.अफसरों से लेकर मुख्यमंत्री तक हर जगह सड़क के लिए गुहार लगाई लेकिन सड़क को लेकर किसी तरह की कोई दिलचस्पी किसी ने नहीं दिखाई.इसलिए थक हारकर सरपंच ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के घर से सामने लुढ़ककर अनोखा प्रदर्शन किया.इस प्रदर्शन में शत्रुध्न चेलक ने मांग की है कि जल्द से जल्द उनकी गांव में सड़क बनवाई जाए.क्योंकि एक कच्ची सड़क के सहारे सिर्फ समस्याएं आ रही हैं खुशियां नहीं.

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Last Updated : Jul 23, 2024, 1:32 PM IST

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