रायपुर: BEd डिग्री धारी सहायक शिक्षकों की बर्खास्तगी का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. विपक्ष साय सरकार को घेर रही है. वहीं सहायक शिक्षकों को अब विभिन्न संगठनों का समर्थन भी मिल रहा है. छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने भी अपना समर्थन दिया है और सहायक शिक्षकों की मांगों को जायज बताया है.
सहायक शिक्षकों की मांगों का समर्थन: छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारी का कहना है कि इस भर्ती में सहायक शिक्षकों की कोई गलती नहीं है तो इसका खामियाजा वो क्यों भुगतें? उन्होंने चेतावनी भी दी है कि 2900 सहायक शिक्षक अकेले नहीं हैं, बल्कि उनके साथ दो लाख शिक्षक और 5 लाख अधिकारी कर्मचारी भी खड़े हैं, इसलिए सरकार इन सभी सहायक शिक्षकों को तत्काल समायोजित करे.
समायोजन की मांग: छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रांतीय संचालक वीरेंद्र दुबे ने कहा कि बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों को नौकरी से बर्खास्त किया गया है. छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा खुले तौर पर इसका विरोध करता है.
जब मेरिट में आएं हैं, तभी वह नौकरी पाए हैं. सहायक शिक्षकों की एक ही मांग है, एक ही नारा है कि उनका समायोजन किया जाना चाहिए, क्योंकि सरकार ने ही वैकेंसी निकाली थी-वीरेंद्र दुबे प्रांतीय संचालक, छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा
आर्थिक संकट करेगा परेशान: वीरेंद्र दुबे का कहना है कि राज्य पत्र में सरकार ने प्रकाशित किया था. सहायक शिक्षकों ने विधिवत सर्विस ज्वाइन किया. अब 1 साल बाद 2900 सहायक शिक्षकों को नौकरी से बाहर करने पर उनके घर परिवार में आर्थिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी और यह ठीक नहीं है.
हम साय सरकार से मांग करते हैं कि वह पुनर्विचार करे. यदि उच्चतम न्यायालय के निर्णय की बात है तो उसका हम पूरी तरह से सम्मान करते हैं-वीरेंद्र दुबे प्रांतीय संचालक, छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा
सीएम साय से निवेदन: वीरेंद्र दुबे ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से निवेदन है कि सहायक शिक्षकों की मांगों पर दोबारा विचार किया जाए. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी बनाने की बात कही गई है तो जब तक मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी का निर्णय नहीं आता है,तब तक इनको सर्विस में रखा जाए ताकि उनके घर परिवार में किसी तरह की आर्थिक समस्या न आए.