सरगुजा : इस साल अंबिकापुर नगर निगम ने पहले से तैयारियां कर रखी थी, जिसकी बदौलत शहरवासियों को अब तक पानी की किल्लत नहीं हुई है. अंबिकापुर नगर निगम ने बांकी डैम से होने वाले पानी की बर्बादी को रोकने के साथ ही घुनघुट्टा जल शोधन संयंत्र की क्षमता में डेढ़ एमएलडी की वृद्धि की है. इसके साथ ही भूमिगत जल स्त्रोत से भी डेढ़ एमएलडी पानी लिया गया, जिससे शहर में दोनों टाइम पानी सप्लाई हो रही है.
कम वर्षा होने के चलते नहीं भरा बांकी जलाशय : बीते साल बारिश के मौसम में औसत से कम वर्षा होने के कारण शहर में जल आपूर्ति करने वाला बांकी जलाशय पूरी तरह नहीं भर पाया था. बांकी डैम की क्षमता 17 एमसीएम है. बारिश खत्म होने के बाद महज 17.2 प्रतिशत जलभराव हुआ. नगर निगम क्षेत्र में बांकी जलाशय से प्रतिदिन 10 क्यूसेक पानी की सप्लाई की जाती है. ऐसे में संभावना जताई जा रही थी कि बीते साल की तरह इस बार भी लोगों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ सकता है.
निगम ने पेयजल की समस्या का निकाला समाधान : साल 2023 में बांकी डैम सूखने की वजह से अंबिकापुर नगर निगम दिन में एक टाइम ही पानी की सप्लाई कर पा रहा था. ऐसे में इस बार पहले से ही अंबिकापुर नगर निगम ने पेयजल की समस्या का समाधान कर लिया था. नगर निगम ने सबसे पहले बांकी डैम के क्षतिग्रस्त एनीकट गेट को स्लैब लगाकर बंद किया और ग्रैविटी पाइप लाइन को भी बंद कर दिया. इससे प्रतिदिन 6 एमएलडी पानी की बर्बादी रोकी गई. जबकि एनीकट से बाहर गए पानी को भी पम्प के माध्यम से लिफ्ट कर वापस बांध में डाला गया. इसी वजह से इस साल शहर में पानी की किल्लत नहीं हुई है.
अंबिकापुर में पेयजल संकट का मंडराया खतरा : निगम भी बांध से उतना ही पानी छोड़ रहा है, जितने की जरूरत है. इसके बाद भी भीषण गर्मी में जलाशय का पानी सूख गया और वर्तमान में जलाशय में सिर्फ 1.23 एमसीएम पानी ही शेष बचा है, जो कुल क्षमता का 7.20 प्रतिशत है. हालांकि निगम अधिकारियों का कहना है कि इससे बारिश नहीं होने की स्थिति में निगम जून महीने तक आसानी से पानी सप्लाई कर सकता है. लेकिन अगर जल्द बारिश नहीं हुई, तो शहर में पेयजल संकट आ सकता है.