धमतरी : शनिवार को धमतरी में एनएसयूआई ने संविधान यात्रा का निकाला. इस दौरान एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि है संसद में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर पर टिप्पणी की. उन्होंने भाजपा सरकार पर देश के संवैधानिक मूल्यों पर लगातार प्रहार करने का आरोप लगाया. इसी को लेकर कांग्रेस की छात्र इकाई भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने विरोध स्वरूप संविधान मार्च निकालकर संविधान की रक्षा का प्रण लिया.
संविधान की मूल भावना को बदलने के आरोप : इस एनएसयूआई के राष्ट्रीय महासचिव व छत्तीसगढ़ प्रभारी आकाश चौधरी ने कहा कि आज मोदी सरकार संविधान की मूल भावना और बुनियादी मूल्यों को ही बदलने की कोशिश हो रही है. यह कुछ संशोधन करने का मामला नहीं है या महज कार्यपालिका द्वारा कुछ निरंकुश अधिकार प्राप्त कर लेने का मामला नहीं है. बल्कि यह संविधान की बुनियाद को ही बदलने का मामला है.
हमारे संविधान को 75 साल होने जा रहा है और हमारे संविधान की जो मूल भावना है कि यह एक धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणतंत्र है. उसे बदलने की बात ये तानाशाही सरकार कर रही है. जिसके खिलाफ हम लड़ाई लड़ रहे हैं. देश के संविधान की रक्षा और लोकतांत्रिक मूल्यों को सशक्त बनाने का प्रयास कर रहे है : आकाश चौधरी, राष्ट्रीय महासचिव व छत्तीसगढ़ प्रभारी, एनएसयूआई
संविधान को कमजोर करने के आरोप : एनएसयूआई जिलाध्यक्ष राजा देवांगन ने कहा कि संविधान देश के सभी वर्गों के हितों की रक्षा करता है. यह समानता का अधिकार सुनिश्चित करता है. उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी समय समय पर संविधान को कमजोर करने का षड्यंत्र कर रही है. लेकिन एनएसयूआई और कांग्रेस इस षड्यंत्र का दृढ़ता से विरोध करेगी. संविधान पर लगातार प्रहार किया जा रहा है, लेकिन देश के संविधान को बचाने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए एनएसयूआई हर जद्दोजहद करेगी.
मोदी सरकार ने एक एक कर सारी संवैधानिक संस्थाओं की स्वायत्तता खत्म कर उसे अपनी जेबी संस्थाओं में तब्दील कर दिया. विपक्षी नेताओं को केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर धमकाने की कोशिश हुई. जो डर गए, उन्हें इनाम देकर पार्टी में शामिल कर लिया और जो तैयार नहीं हुए, उन्हें तरह तरह से परेशान किया गया. कई को जेलों में डाल दिया गया और लोकतंत्र की निर्मम हत्या कर दी : राजा देवांगन, जिलाध्यक्ष, एनएसयूआई
धमतरी के मिशन ग्राउंड से राजीव भवन तक चली इस पद यात्रा में एनएसयूआई के कार्यकर्ता, विधायक शामिल हुए. संविधान मार्च के दौरान एनएसयूआई कार्यकर्ता अपने हाथों में बाबा साहब का चलचित्र हाथों में लेकर चल रहे थे और संविधान बचाओ के नारे लगा रहे थे.