छपरा: मोदी जरूरी लेकिन रूडी मजबूरी. यह कहना है छपरा के नागरिकों का. उनका कहना है कि हम रूढ़ि को नहीं मोदी को वोट दे रहे हैं. सारण जिले के लोग विशेष रूप से छपरा के शहरी क्षेत्र के लोगों में इस बात का उत्साह नहीं है कि वह सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी को वोट देकर उनको हैट्रिक बनाने का मौका दे रहे हैं, बल्कि इस बात का उत्साह है कि वह रूडी को ना जीता कर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी को जीता रहे हैं.
रूडी नहीं मोदी के लिए वोट:लोगों का कहना है कि इस मामले में रोहिणी आचार्य कहीं नहीं टिकती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि राजीव प्रताप रूडी से तो दो चार बार दर्शन हो ही जाता है, लेकिन रोहिणी आचार्य से कहां मुलाकात होगी. हालांकि राजनीतिक परिपेक्ष में बात की जाए तो राजीव प्रताप रूडी के 10 साल के कार्यकाल का लोगों ने पुरजोर विरोध किया है. लोगों ने एक साथ विरोध स्वर में कहा कि उन्होंने कोई काम नहीं किया है. ना खनुआ नाला का निर्माण हो पाया है, ना डबल डेकर का काम. सब कुछ अभी तक लटका हुआ है. एन एच 19 का काम भी अभी तक अधूरा है.
धारदार हो गई दोनों की जंग:गौरतलब हो कि सारण में दो टर्म सांसद रहे राजीव प्रताप रूडी अबकी हैट्रिक लगाने के चक्कर में हैं. उनके हैट्रिक को रोकने के लिए लालू प्रसाद यादव ने अपनी द्वितीय सुपुत्री रोहिणी आचार्य को सारण लोकसभा का उम्मीदवार बना कर मैदान में उतारा है. ऐसे में राजीव प्रताप रूडी बनाम रोहिणी आचार्य की लड़ाई अब काफी धारदार हो गई है. दोनों एक दूसरे पर जमकर हमला बोल रहे है. राजद इस लड़ाई को बैलट में उतरने की कोशिश कर रही है. लेकिन राजीव प्रताप रूडी आज भी आगे चल रहे हैं.