सरगुजा : संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय सरगुजा संभाग की पहली यूनिवर्सिटी है. संभाग के सभी कॉलेज पहले बिलासपुर के गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी से संबंद्ध थे. लेकिन 2008 में सरगुजा को नया विश्वविद्यालय मिला. बीते वर्षों में राज्य सरकार ने यूनिवर्सिटी का नाम बदलकर संत गहिरा विश्वविद्यालय कर दिया. लेकिन 16 वर्ष बाद भी यूनिवर्सिटी खुद के भवन में संचालित ना हो सकी.आज भी कछुआ चाल से यूनिवर्सिटी का काम चल रहा है.
नए भवन के लिए जारी हुआ टेंडर : 2008 मेंशासन ने संत गहिरा गुरु विश्व विद्यालय और इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन निर्माण की स्वीकृति दी थी. निर्माण का जिम्मा लोक निर्माण विभाग को दिया गया था. शासन से मिली स्वीकृति के बाद विभाग ने भकुरा में 15 करोड़ 34 लाख और 9 करोड़ 56 लाख रुपए के टेंडर जारी हुए.वहीं 4 करोड़ की लागत से इंजीनियरिंग कॉलेज भवन के लिए टेंडर जारी हुआ.
टेंडर के बाद शुरु हुआ काम :टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद यूनिवर्सिटी भवन के लिए 1340.97 लाख रुपए की लागत से 12.60 प्रतिशत बिलो की दर से प्रशासनिक भवन, विज्ञान एवं आर्ट डिपार्टमेंट और स्टाफ क्वॉटर के लिए दुर्ग की श्याम इंफ्रास्ट्रचर कंपनी को टेंडर मिला. इसके साथ ही भवन के लिए दूसरा टेंडर 14.40 प्रतिशत बिलो की दर पर 818.58 लाख की लागत से सूरजपुर के आकाश कंस्ट्रक्शन को दिया गया. आकाश कंस्ट्रक्शन को यूनिवर्सिटी का आडिटोरियम, लाइब्रेरी, वीसी बंगला, रजिस्ट्रार बंगला का बनाना था.
2018 को टेंडर हुआ था जारी :श्याम इंफ्रा को PWD द्वारा 10 जुलाई 2018 को वर्क ऑर्डर जारी किया गया था . इस काम को 20 माह में पूर्ण करना था. जबकि आकाश कंस्ट्रक्शन को 8 अगस्त 2018 को वर्क ऑर्डर जारी किया था .इस काम को 15 माह में पूरा करना था. लेकिन शुरु से ही दोनों कंस्ट्रक्शन कंपनियां निर्माण में कोताही बरत रही है.लेकिन 2020 में डेढ़ वर्ष बीतने के बाद भी ठेकेदार निर्माण का 20 प्रतिशत हिस्सा भी पूरा नहीं कर सके.कई बार विभाग ने कंपनियों को नोटिस दिया लेकिन इसके बाद भी काम ने रफ्तार नहीं पकड़ी.
4 साल बाद भी काम अधूरा : ईटीवी भारत ने अब 4 साल बाद यूनिवर्सिटी कैंपस का जायजा लिया. हमारी टीम दुर्गम रास्तों से होते हुए भकुरा गांव पहुंची.जहां प्रशासनिक भवन का काम होता दिखा.प्रशासनिक भवन का काम लगभग पूरा हो चुका है. इसके साथ ही कुछ और छोटे भवन बनकर तैयार हैं. यूनिवर्सिटी का विशाल द्वार भी बनकर तैयार हो चुका है.