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सपा का संभल दौरा; रविदास मल्होत्रा बोले- डर है जांच कमेटी सच्चाई उजागर नहीं होने देगी - SAMBHAL VIOLENCE

आज जांच कमेटी संभल में लोगों के बयान लेने के लिए जा रही है. कमेटी लोगों को डीएम-एसपी के खिलाफ बोलने से रोक सकती है.

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लखनऊ में हाउस एरेस्ट किए गए नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पाण्डेय के आवास के बाहर लगी फोर्स. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 30, 2024, 1:49 PM IST

Updated : Nov 30, 2024, 2:55 PM IST

लखनऊ: यूपी के संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान हुई हिंसा (Sambhal Violence) का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है. संभल हिंसा की जांच के लिए सपा ने एक 15 सदस्य डेलिगेशन तैयार किया था जो शनिवार को वहां जाकर अपनी जांच करता. इसकी रिपोर्ट सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को दी जानी थी.

डेलिगेशन के अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पाण्डेय को लखनऊ में उनके आवास पर ही रोक लिया गया. साथ ही लखनऊ मध्य से सपा विधायक रविदास मल्होत्रा को भी वहीं रोक दिया गया. इसके बाद रविदास मल्होत्रा घर के बाहर धरने पर बैठ गए और प्रदर्शन करने लगे.

लखनऊ में सपा विधायक रविदास मल्होत्रा से संवाददाता की खास बातचीत. (Video Credit; ETV Bharat)

ईटीवी भारत से बातचीत में रविदास मल्होत्रा न कहा, ऐसा लग रहा है कि प्रदेश में आपातकाल लगा दिया गया है. वह चाहते हैं कि डेलिगेशन संभल जाकर जिन परिवार के लोगों की मृत्यु हुई है, उनसे मिलकर उन्हें सांत्वना दे. लेकिन, शासन-प्रशासन उन्हें वहां जाने से रोक रहा है.

मल्होत्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बनाई गई जांच कमेटी भी आज संभल में है. उन्हें डर है कि लोगों को डरा धमका कर प्रशासन संभाल डीएम और एसपी के खिलाफ बयान दर्ज कराने से रोकेगा. यह एक तरह से लोकतंत्र की हत्या है. रविदास मल्होत्रा की मांग है कि पीड़ित परिवारों को सरकार एक करोड़ दे और इस पूरे मामले की जांच उच्च न्यायालय के सिटिंग जज से करवाई जाए.

हाउस एरेस्ट किए गए नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पाण्डेय से खास बातचीत. (Video Credit; ETV Bharat)

वहीं, हाउस एरेस्ट किए गए नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पाण्डेय पुलिस से घिरे हुए दिखाई दिए. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि उनका उद्देश्य अशांति फैलाना नहीं, बल्कि संभल जाकर सही तथ्यों को जुटाकर अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपना है. संभल डीएम का जो उनको पत्र मिला है, उसमें बताया गया है कि संभल की सीमा में प्रवेश करने पर प्रतिबंध है.

वहीं, एक और चिट्ठी संभल के कप्तान की ओर से पुलिस कमिश्नर लखनऊ को भेजी गई है, जिसमें उन्हें लखनऊ में ही रोके जाने की सिफारिश की गई है. इस पर माता प्रसाद पाण्डेय का कहना है कि बड़ा अधिकारी कौन है? जिला मजिस्ट्रेट या फिर जिले का पुलिस कप्तान? माता प्रसाद पाण्डेय का आरोप है कि उन्हें प्रदेश कार्यालय जाने की भी अनुमति नहीं दे रही है पुलिस. इसकी जानकारी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी दे दी गई है.

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Last Updated : Nov 30, 2024, 2:55 PM IST

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