उदयपुर :राजस्थान में उपचुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही सभी सियासी पार्टियां मैदान में कूद गई हैं. एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोपों के दौरे भी शुरू हो गए हैं, लेकिन दक्षिणी राजस्थान की सलूंबर सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबले के आसार बन रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इस सीट पर भाजपा, कांग्रेस और बाप के बीच भिड़ंत है. वहीं, नामांकन के लिए अभी 10 दिन का वक्त शेष बचा है. आगामी 25 अक्टूबर को नामांकन की आखिरी तारीख है. ऐसे में सभी दलों को इससे पहले अपने प्रत्याशियों के नाम फाइनल करने हैं और इसी समयावधि में रणनीति और चुनाव प्रचार भी करना है.
दांव पर लगी इनकी साख :सलूंबर में कांग्रेस के लिए अपनी साख बचाने की चुनौती है, क्योंकि उसे चार सीटों को बचाने के साथ-साथ तीन और सीटों पर जीत दर्ज करनी है. राज्य के पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पार्टी महासचिव सचिन पायलट और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की भी यहां प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. वहीं, राज्य की भाजपा सरकार अपने 10 महीने के कार्यकाल को लेकर चुनावी मैदान में उतरेगी. इससे साफ है कि सीएम भजनलाल की भी साख यहां दांव पर है.
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इन नामों की चर्चा :सलूंबर सीट की बात करें तो ये सीट आदिवासी बाहुल्य है. जिन सात सीटों पर राजस्थान में उपचुनाव होने हैं, उनमें से केवल यही सीट भाजपा के पास रही. ऐसे में भाजपा के लिए इस सीट पर कब्जा बरकरार रखना भी एक बड़ी चुनौती रहेगी. वहीं, सियासी गलियारों में चर्चा है कि भाजपा यहां सहानुभूति वोट हासिल करने के लिए दिवंगत विधायक अमृत लाल मीणा के बेटे अविनाश मीणा को मैदान में उतार सकती है. इनके अलावा नरेंद्र कुमार मीणा, दुर्गा प्रसाद मीणा, सोनल मीणा और जय नारायण मीणा के नामों की भी चर्चा है. वहीं, अगर बात कांग्रेस की करें तो यहां कांग्रेस के पास रघुवीर सिंह मीणा के अलवा कोई बड़ा चेहरा नहीं है. बावजूद इसके कुछ लोग रेशमा मीणा और गंगाराम मीणा के नामों का भी जिक्र कर रहे हैं.