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Rajasthan: आरोपी पति एक महीने में पेश नहीं हो तो पासपोर्ट और वीजा निरस्त करके विदेश से भारत डिपोर्ट करें-कोर्ट

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दहेज प्रताड़ना के मामले में सख्त निर्देश दिए हैं.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 3 hours ago

ISSUED STRICT INSTRUCTIONS,  DOWRY HARASSMENT CASE
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दिए आदेश. (ETV Bharat jaipur)

जयपुरः अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम-2 महानगर द्वितीय ने जयपुर निवासी पत्नी को दहेज के लिए प्रताड़ित करने के मामले में पुलिस कार्रवाई में पति के अनुसंधान में सहयोग नहीं करने पर सख्त निर्देश जारी किए हैं. अदालत ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी पासपोर्ट, जयपुर को निर्देश दिया है कि वे सेन्ट्रल अमेरिका में स्थित भारतीय दूतावास के जरिए आरोपी पति को कोर्ट में पेश होने के लिए निर्देशित करें. वह कोर्ट के निर्देश के पालन में सूचना मिलने से एक महीने में पेश नहीं हो तो उसके पासपोर्ट और वीजा को निरस्त करके उसे भारत डिपोर्ट करने की कार्रवाई करें. इस दौरान होने वाले खर्च को भी आरोपी खुद ही वहन करेगा. अदालत ने यह आदेश पत्नी के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

अधिवक्ता योगेश गुप्ता ने बताया कि प्रार्थना पत्र में कहा गया कि प्रार्थिया ने मई 2024 में पति के खिलाफ पुलिस थाना महिला-उत्तर में दहेज प्रताड़नाएं, छेड़छाड़ व मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस के अनुसंधान में पति दीपक गिदवानी को दोषी मान लिया, लेकिन अनुसंधान एजेंसी के दिए नोटिस के बाद भी उसने ना तो अनुसंधान में सहयोग नहीं किया और ना ही कोर्ट में पेश हुआ.

पढ़ेंः दहेज हत्या करने के अभियुक्त को आजीवन कारावास, प्रताड़ना करने वाली सास को भी सजा

वह आपराधिक मुकदमे की कार्रवाई से बचने के लिए अनुसंधान एजेंसी के निर्देशों की अवहेलना कर रहा है, इसलिए उसे कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया जाए. अधिवक्ता ने बताया कि प्रार्थिया की शादी फरवरी, 2022 में अजमेर निवासी युवक से हुई थी. शादी के बाद वह उसे एक साल बाद विदेश ले गया, लेकिन सितंबर 2023 में ही उसे दहेज व मारपीट से प्रताड़ित कर वापस भिजवा दिया.

जयपुरः अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम-2 महानगर द्वितीय ने जयपुर निवासी पत्नी को दहेज के लिए प्रताड़ित करने के मामले में पुलिस कार्रवाई में पति के अनुसंधान में सहयोग नहीं करने पर सख्त निर्देश जारी किए हैं. अदालत ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी पासपोर्ट, जयपुर को निर्देश दिया है कि वे सेन्ट्रल अमेरिका में स्थित भारतीय दूतावास के जरिए आरोपी पति को कोर्ट में पेश होने के लिए निर्देशित करें. वह कोर्ट के निर्देश के पालन में सूचना मिलने से एक महीने में पेश नहीं हो तो उसके पासपोर्ट और वीजा को निरस्त करके उसे भारत डिपोर्ट करने की कार्रवाई करें. इस दौरान होने वाले खर्च को भी आरोपी खुद ही वहन करेगा. अदालत ने यह आदेश पत्नी के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

अधिवक्ता योगेश गुप्ता ने बताया कि प्रार्थना पत्र में कहा गया कि प्रार्थिया ने मई 2024 में पति के खिलाफ पुलिस थाना महिला-उत्तर में दहेज प्रताड़नाएं, छेड़छाड़ व मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस के अनुसंधान में पति दीपक गिदवानी को दोषी मान लिया, लेकिन अनुसंधान एजेंसी के दिए नोटिस के बाद भी उसने ना तो अनुसंधान में सहयोग नहीं किया और ना ही कोर्ट में पेश हुआ.

पढ़ेंः दहेज हत्या करने के अभियुक्त को आजीवन कारावास, प्रताड़ना करने वाली सास को भी सजा

वह आपराधिक मुकदमे की कार्रवाई से बचने के लिए अनुसंधान एजेंसी के निर्देशों की अवहेलना कर रहा है, इसलिए उसे कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया जाए. अधिवक्ता ने बताया कि प्रार्थिया की शादी फरवरी, 2022 में अजमेर निवासी युवक से हुई थी. शादी के बाद वह उसे एक साल बाद विदेश ले गया, लेकिन सितंबर 2023 में ही उसे दहेज व मारपीट से प्रताड़ित कर वापस भिजवा दिया.

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