जयपुर: इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन (IPA) ने फार्मासिस्ट को स्वतंत्र हेल्थकेयर प्रोफेशनल का दर्जा देने की मांग की है. इसके लिए एसोसिएशन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र लिखा है.
स्वतंत्र हेल्थकेयर प्रोफेशनल का दर्जा : IPA के प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश्वर शर्मा ने बताया कि 13 जून 2023 को फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) ने एक आदेश जारी कर स्पष्ट किया था कि फार्मासिस्ट पैरामेडिकल स्टाफ नहीं हैं, बल्कि एक स्वतंत्र हेल्थकेयर प्रोफेशनल हैं. बावजूद इसके, फार्मासिस्ट को अभी भी पैरामेडिकल श्रेणी में रखा जा रहा है, जिससे उनकी भूमिका को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है. एसोसिएशन इस गलत वर्गीकरण का कड़ा विरोध करता है और केंद्र सरकार से मांग करता है कि फार्मासिस्ट को जल्द से जल्द स्वतंत्र हेल्थकेयर प्रोफेशनल का दर्जा दिया जाए.
इसे भी पढ़ें- अब सभी अस्पतालों को रखने होंगे Clinical Pharmacist, PCI ने जारी किया नोटिफिकेशन
सर्वेश्वर शर्मा ने बताया कि फार्मासिस्ट उच्च स्तरीय शिक्षा प्राप्त करते हैं और हेल्थकेयर में अहम भूमिका निभाते हैं. उनकी ज़िम्मेदारियों में फार्मास्यूटिकल साइंस, फार्माकोलॉजी, दवा निर्माण, मेडिकेशन थेरेपी मैनेजमेंट, पेशेंट काउंसलिंग, क्लीनिकल फार्मेसी, हॉस्पिटल फार्मेसी, ड्रग डेवलपमेंट, कम्युनिटी हेल्थकेयर, पब्लिक हेल्थ वैक्सीनेशन प्रोग्राम, एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस और फार्माकोविजिलेंस शामिल हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी फार्मासिस्ट को स्वतंत्र हेल्थकेयर प्रोफेशनल मान चुका है. अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में फार्मासिस्ट को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता (Primary Healthcare Provider) माना जाता है.
सर्वेश्वर शर्मा ने कहा कि भारत में भी सरकार को फार्मासिस्ट के लिए अलग निदेशालय (Directorate) बनाना चाहिए और पैरामेडिकल श्रेणी से हटाकर उनके लिए स्वतंत्र नीतियां लागू करनी चाहिए. इसके अलावा, सरकार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में फार्मासिस्ट की सीधी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हो सके.