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डॉक्टर भी मानते हैं किताबें इंसान की अच्छी दोस्त हैं, जानिए कैसे! बचपन से ही प्रेरित करें किताबें पढ़ने को

Children Must Do: ये आदत बच्चों की पढ़ाई में मदद करने के साथ उनके मानसिक स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने में भी मदद कर सकती है.

CHILDREN MUST DO BOOK READING AND ADOPTING BOOK READING HABIT GOOD FOR MENTAL HEALTH
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By ETV Bharat Lifestyle Team

Published : Oct 16, 2024, 3:57 PM IST

Updated : Oct 17, 2024, 6:27 AM IST

Children Must Do : मशहूर कहावत है कि किताबें इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं. वहीं जानकार भी कहते हैं कि यदि बच्चों में बचपन से ही किताबें पढ़ने की आदत विकसित हो जाए तो इसका उनके मानसिक, भावनात्मक और शैक्षिक विकास पर काफी सकारात्मक असर पड़ता है. यह आदत ना केवल उन्हें बेहतर छात्र बनाती है, बल्कि जीवनभर के लिए उन्हें एक अच्छा जानकार इंसान भी बना सकती है. यहीं नहीं यदि बच्चे बचपन से ही अच्छा बाल साहित्य व अन्य प्रकार का साहित्य पढ़ते हैं तो कहानियों व जानकारियों के माध्यम से बताए गई अच्छी बातें व उदारहण उनके व्यक्तित्व के सकारात्मक विकास में भी मदद करते हैं.

किताब पढ़ने की आदत के लाभ : नई दिल्ली की चाइल्ड काउन्सलर डॉ (प्रोफेसर) नैना तिवारी बताती हैं कि किताबें ना केवल ज्ञान और जानकारी का स्रोत होती हैं, बल्कि किताबें पढ़ने की आदत बच्चों के मानसिक और भावनात्मक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं. Child Counselor Dr Naina Tiwari बताती हैं कि आज के तकनीकी युग में, जब बच्चों का ध्यान ज्यादातर मोबाइल और टीवी की ओर होता है और उनका अधिकतर समय भी डिजिटल स्क्रीन के सामने बीतता है, बच्चों की लर्निंग एबिलिटी यानी सीखने, समझने व याद करने व रखने की क्षमता कमजोर हो रही हैं.

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वहीं लंबे समय तक टीवी या मोबाइल में ज्यादा समय बिताने से ना सिर्फ बच्चों के व्यवहार में धैर्य व संयम में कमी आने लगती है, उनमें एंजायटी व गुस्सा बढ़ने लगता है और उनकी यारदाश्त व सोचने समझने की क्षमता प्रभावित होती है. इसके अलावा वह डिजिटल स्क्रीन पर क्या व कितनी देर तक देख रहे हैं इसका असर भी उनके व्यवहार, भावनात्मक स्वास्थ्य व मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है. वहीं यदि बच्चों में बचपन से ही पढ़ने की आदत विकसित करने का प्रयास किया जाय तो इससे उसे कई तरह के लाभ मिल सकते हैं. जिन बच्चों में किताबें पढ़ने की आदत होती है उनमें ध्यान केंद्रित रखने तथा याद करने व याद रखने की क्षमता बेहतर होती है. उनमें भाषा ज्ञान भी अच्छा होता है जो पढ़ाई में काफी मददगार होता है.

यही नहीं इस आदत से बच्चों में अनुशासन व आत्मविश्वास तो बढ़ता ही है साथ ही बचपन से ही अच्छा बाल साहित्य पढ़ने में उनमें ज्ञान वर्धन होने के साथ चीजों व बातों को समझने की क्षमता तथा नैतिक ज्ञान भी बढ़ता हैं जो उनके व्यक्तित्व विकास में मदद करते हैं और उनके सफल जीवन की नींव रखने में मदद कर सकते है. Dr Naina Tiwari हैं कि किताबें पढ़ने के फ़ायदों को यदि सूचीबद्ध किया जाय तो उनमें से कुछ मुख्य फायदे इस प्रकार हैं.

  • किताबें पढ़ने से बच्चों में ज्ञान और जानकारी का दायरा बढ़ता है. उन्हें विभिन्न विषयों पर नई जानकारियां मिलती हैं, जिससे उनकी सोचने-समझने की क्षमता बढ़ती है.
  • किताबें पढ़ने से बच्चों की भाषा में सुधार होता है. उनकी शब्दावली समृद्ध होती है, और उन्हें नए-नए शब्द और उनके सही अर्थ समझ में आते हैं. इसके साथ ही, उनका व्याकरण भी मजबूत होता है.
  • किताब पढ़ने से बच्चों में एकाग्रता और धैर्य का विकास होता है. वे धीरे-धीरे लंबी कहानियों या विषयों को पढ़ना और समझना सीखते हैं, जिससे उनकी मानसिक स्थिरता और धैर्य बढ़ता है.
  • कहानियों और कल्पनाओं से भरी किताबें बच्चों की सृजनात्मकता और कल्पना शक्ति को प्रोत्साहित करती हैं. वे अलग-अलग पात्रों और स्थितियों की कल्पना करके अपनी रचनात्मक सोच को और अधिक निखारते हैं.
  • किताबें पढ़ने से बच्चों में समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने की क्षमता भी बढ़ती है. कहानियों में प्रस्तुत समस्याओं और उनके हल से वे सीखते हैं कि किस प्रकार जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना किया जा सकता है.

Child Counselor Dr Naina Tiwari बताती हैं कि बच्चों में किताबें पढ़ने की आदत विकसित करना आसान नहीं है, लेकिन कुछ तरीकों से इसे संभव बनाया जा सकता है, जैसे:

  • उदाहरण प्रस्तुत करें : बच्चों के सामने खुद भी किताबें पढ़ें. बच्चे अपने माता-पिता और बड़ों से बहुत कुछ सीखते हैं और अगर वे आपको किताब पढ़ते देखेंगे, तो वे भी इसमें रुचि लेंगे.
  • रोचक किताबें चुनें : छोटे बच्चों के लिए रंग-बिरंगी और चित्रों से भरी किताबें चुनें. ये किताबें बच्चों की रुचि बढ़ाती हैं और उन्हें पढ़ने के प्रति आकर्षित करती हैं.
  • नियमित समय निर्धारित करें : बच्चों के लिए एक नियमित पढ़ने का समय निर्धारित करें, जैसे सोने से पहले की कहानी सुनाना. यह बच्चों में किताबों के प्रति लगाव बढ़ाता है.
  • उन्हें किताबें चुनने दें : बच्चों को स्वतंत्र रूप से किताबें चुनने का मौका दें. इससे उनकी रुचि का पता चलेगा और वे खुद ही पढ़ने के प्रति प्रेरित होंगे.
  • पढ़ने को मनोरंजक बनाएं : पढ़ने को एक मजेदार गतिविधि बनाएं. बच्चों के साथ मिलकर किताबें पढ़ें, सवाल पूछें, और कहानी के पात्रों पर चर्चा करें. इससे उनका पढ़ने में मन लगा रहेगा.

डिस्कलेमर:-- यहां आपको दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान के लिए लिखी गई है. यहां उल्लिखित किसी भी सलाह का पालन करने से पहले, विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.

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Children Must Do : मशहूर कहावत है कि किताबें इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं. वहीं जानकार भी कहते हैं कि यदि बच्चों में बचपन से ही किताबें पढ़ने की आदत विकसित हो जाए तो इसका उनके मानसिक, भावनात्मक और शैक्षिक विकास पर काफी सकारात्मक असर पड़ता है. यह आदत ना केवल उन्हें बेहतर छात्र बनाती है, बल्कि जीवनभर के लिए उन्हें एक अच्छा जानकार इंसान भी बना सकती है. यहीं नहीं यदि बच्चे बचपन से ही अच्छा बाल साहित्य व अन्य प्रकार का साहित्य पढ़ते हैं तो कहानियों व जानकारियों के माध्यम से बताए गई अच्छी बातें व उदारहण उनके व्यक्तित्व के सकारात्मक विकास में भी मदद करते हैं.

किताब पढ़ने की आदत के लाभ : नई दिल्ली की चाइल्ड काउन्सलर डॉ (प्रोफेसर) नैना तिवारी बताती हैं कि किताबें ना केवल ज्ञान और जानकारी का स्रोत होती हैं, बल्कि किताबें पढ़ने की आदत बच्चों के मानसिक और भावनात्मक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं. Child Counselor Dr Naina Tiwari बताती हैं कि आज के तकनीकी युग में, जब बच्चों का ध्यान ज्यादातर मोबाइल और टीवी की ओर होता है और उनका अधिकतर समय भी डिजिटल स्क्रीन के सामने बीतता है, बच्चों की लर्निंग एबिलिटी यानी सीखने, समझने व याद करने व रखने की क्षमता कमजोर हो रही हैं.

CHILDREN MUST DO BOOK READING AND ADOPTING BOOK READING HABIT GOOD FOR MENTAL HEALTH
कॉन्सेप्ट इमेज (ETV Bharat)

वहीं लंबे समय तक टीवी या मोबाइल में ज्यादा समय बिताने से ना सिर्फ बच्चों के व्यवहार में धैर्य व संयम में कमी आने लगती है, उनमें एंजायटी व गुस्सा बढ़ने लगता है और उनकी यारदाश्त व सोचने समझने की क्षमता प्रभावित होती है. इसके अलावा वह डिजिटल स्क्रीन पर क्या व कितनी देर तक देख रहे हैं इसका असर भी उनके व्यवहार, भावनात्मक स्वास्थ्य व मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है. वहीं यदि बच्चों में बचपन से ही पढ़ने की आदत विकसित करने का प्रयास किया जाय तो इससे उसे कई तरह के लाभ मिल सकते हैं. जिन बच्चों में किताबें पढ़ने की आदत होती है उनमें ध्यान केंद्रित रखने तथा याद करने व याद रखने की क्षमता बेहतर होती है. उनमें भाषा ज्ञान भी अच्छा होता है जो पढ़ाई में काफी मददगार होता है.

यही नहीं इस आदत से बच्चों में अनुशासन व आत्मविश्वास तो बढ़ता ही है साथ ही बचपन से ही अच्छा बाल साहित्य पढ़ने में उनमें ज्ञान वर्धन होने के साथ चीजों व बातों को समझने की क्षमता तथा नैतिक ज्ञान भी बढ़ता हैं जो उनके व्यक्तित्व विकास में मदद करते हैं और उनके सफल जीवन की नींव रखने में मदद कर सकते है. Dr Naina Tiwari हैं कि किताबें पढ़ने के फ़ायदों को यदि सूचीबद्ध किया जाय तो उनमें से कुछ मुख्य फायदे इस प्रकार हैं.

  • किताबें पढ़ने से बच्चों में ज्ञान और जानकारी का दायरा बढ़ता है. उन्हें विभिन्न विषयों पर नई जानकारियां मिलती हैं, जिससे उनकी सोचने-समझने की क्षमता बढ़ती है.
  • किताबें पढ़ने से बच्चों की भाषा में सुधार होता है. उनकी शब्दावली समृद्ध होती है, और उन्हें नए-नए शब्द और उनके सही अर्थ समझ में आते हैं. इसके साथ ही, उनका व्याकरण भी मजबूत होता है.
  • किताब पढ़ने से बच्चों में एकाग्रता और धैर्य का विकास होता है. वे धीरे-धीरे लंबी कहानियों या विषयों को पढ़ना और समझना सीखते हैं, जिससे उनकी मानसिक स्थिरता और धैर्य बढ़ता है.
  • कहानियों और कल्पनाओं से भरी किताबें बच्चों की सृजनात्मकता और कल्पना शक्ति को प्रोत्साहित करती हैं. वे अलग-अलग पात्रों और स्थितियों की कल्पना करके अपनी रचनात्मक सोच को और अधिक निखारते हैं.
  • किताबें पढ़ने से बच्चों में समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने की क्षमता भी बढ़ती है. कहानियों में प्रस्तुत समस्याओं और उनके हल से वे सीखते हैं कि किस प्रकार जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना किया जा सकता है.

Child Counselor Dr Naina Tiwari बताती हैं कि बच्चों में किताबें पढ़ने की आदत विकसित करना आसान नहीं है, लेकिन कुछ तरीकों से इसे संभव बनाया जा सकता है, जैसे:

  • उदाहरण प्रस्तुत करें : बच्चों के सामने खुद भी किताबें पढ़ें. बच्चे अपने माता-पिता और बड़ों से बहुत कुछ सीखते हैं और अगर वे आपको किताब पढ़ते देखेंगे, तो वे भी इसमें रुचि लेंगे.
  • रोचक किताबें चुनें : छोटे बच्चों के लिए रंग-बिरंगी और चित्रों से भरी किताबें चुनें. ये किताबें बच्चों की रुचि बढ़ाती हैं और उन्हें पढ़ने के प्रति आकर्षित करती हैं.
  • नियमित समय निर्धारित करें : बच्चों के लिए एक नियमित पढ़ने का समय निर्धारित करें, जैसे सोने से पहले की कहानी सुनाना. यह बच्चों में किताबों के प्रति लगाव बढ़ाता है.
  • उन्हें किताबें चुनने दें : बच्चों को स्वतंत्र रूप से किताबें चुनने का मौका दें. इससे उनकी रुचि का पता चलेगा और वे खुद ही पढ़ने के प्रति प्रेरित होंगे.
  • पढ़ने को मनोरंजक बनाएं : पढ़ने को एक मजेदार गतिविधि बनाएं. बच्चों के साथ मिलकर किताबें पढ़ें, सवाल पूछें, और कहानी के पात्रों पर चर्चा करें. इससे उनका पढ़ने में मन लगा रहेगा.

डिस्कलेमर:-- यहां आपको दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान के लिए लिखी गई है. यहां उल्लिखित किसी भी सलाह का पालन करने से पहले, विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.

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Last Updated : Oct 17, 2024, 6:27 AM IST
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