इस्लामाबाद: शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर की इस्लामाबाद यात्रा के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने दोनों देशों के रिश्तों में सुधार की उम्मीद जताई है. शरीफ ने भारत और पाकिस्तान के बीच शांति प्रक्रिया को फिर से शुरू करने पर जोर दिया.
इस्लामाबाद में इंडिया टुडे से बात करते हुए पीएमएल (एन) के संस्थापक नवाज शरीफ ने भारत-पाकिस्तान में और अधिक जुड़ाव की उम्मीद जताई और कहा, "75 साल ऐसे ही बीत गए. आइए हम 75 और साल बर्बाद न करें."
शरीफ ने दोनों देशों के बीच दशकों से चले आ रहे तनाव का हवाला देते हुए कहा, "हमें वहीं से शुरुआत करनी चाहिए, जहां से हमने छोड़ा था." उन्होंने दोनों पड़ोसी देशों से शांति प्रक्रिया को पटरी से न उतरने देने का आग्रह किया.
प्रधानमंत्री मोदी आते तो और अच्छा होता...
शरीफ ने यह भी कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एससीओ बैठक में आते तो और अच्छा होता. उन्होंने कहा, "हम अपने पड़ोसियों को नहीं बदल सकते. हमें अच्छे पड़ोसी की तरह रहना चाहिए."
शरीफ ने कहा कि जयशंकर की इस्लामाबाद यात्रा से भारत और पाकिस्तान दोनों ही अतीत को पीछे छोड़कर ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन जैसी भविष्य की समस्याओं से मिलकर निपटेंगे.
जयशंकर ने पाकिस्तान यात्रा के दौरान एससीओ बैठक में भाग लेने के अलावा नवाज शरीफ के करीबी सहयोगी और पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार से मुलाकात की थी. एससीओ बैठक में अपने भाषण में जयशंकर ने पाकिस्तान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद की घटनाएं कभी सीमा पार व्यापार, संपर्क और ऊर्जा प्रवाह को बढ़ावा नहीं देंगी.
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