भोपाल :लोगों की अक्सर यही शिकायत होती है कि अच्छी जॉब होने के बावजूद उनके पास पैसे नहीं बचते. सैलरी क्रेडिट होने के दस दिनों के अंदर ज्यादातर पैसा या तो खर्च हो जाता है, या ईएमआई चुकाने में कट जाता है. वहीं महीने का अंत आते-आते तो हालत और भी बुरी हो जाती है. ऐसे में कोई बड़ा खर्चा सामने आ जाए तो मुश्किल हो जाती है. पर फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स कहते हैं कि 50+30+20 के फॉर्मूले से आप पैसों की अच्छी खासी बचत कर सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे.
क्या है सैलरी 50+30+20 का फॉर्मूला?
एक्सिस बैंक की पूर्व रिलेशनशिप मैनेजर व वर्तमान में देश की जानीमानी स्टॉक ब्रोकर एंड इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी कंपनी की मैनेजर जसमीत कहती हैं, '' 50+30+20 का फॉर्मूला सीधे शब्दों में ऐसा फॉर्मूला है जो आपकी सैलरी को तीन हिस्सों में बांट देता है. इस फॉर्मूले को जॉब करने वाले लोगों के अलावा बिजनेस करने वाले लोग अपने मंथली प्रॉफिट पर लगाकर बचत कर सकते हैं. उदाहरण के तौर पर आपकी सैलरी या इनकम अगर 50 हजार रु महीना है तो पहले आप उसे 50:30:20 इन तीन हिस्सों में बांट लीजिए. इसमें से 50 फीसदी हिस्सा यानी 25 हजार बेहद जरूरी कामों पर खर्च के लिए अलग रखें, जैसे- राशन, खाना-पीना, रेंट और बच्चों की फीस आदि. अगर आपने होम लोन लिया है, तो उसे भी रेंट में जोड़ें. यानी होम लोन की ईएमआई भी इसी हिस्से से जाएगी. यानी आपकी कुल कमाई के आधे हिस्से में ये सभी जरूरी काम आपको करने होंगे.''
सैलरी का 30 प्रतिशत यहां करें खर्च
जसमीत कहती हैं, '' 50+30+20 के फॉर्मूले के मुताबिक आप अपनी इनकम का 30 प्रतिशत हिस्सा, उन चीजों पर खर्च कर सकते हैं जो आपकी इच्छाओं से जुड़ा हो, लेकिन ये खर्च 30% से ज्यादा नहीं होना चाहिए. उदाहरण के तौर पर अगर आपकी सैलरी 50 हजार है तो आप गैजेट्स, कपड़े, कार, बाइक, पर्सनल केयर, इलाज, घूमने और मूवी देखने जैसे खर्चों पर अधिकतम 15 हजार रु खर्च कर सकते हैं.''