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हिन्दू युवती और समुदाय विशेष युवक की शादी पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, 2 सप्ताह बाद अगली सुनवाई

हाईकोर्ट की युगलपीठ ने हिन्दू युवती और समुदाय विशेष युवक के बीच विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी पर रोक लगा दी है.

JABALPUR HIGH COURT BAN MARRIAGE
हिन्दू युवती और समुदाय विशेष युवक की शादी पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 3 hours ago

जबलपुर: हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन ने हिन्दू युवती और समुदाय विशेष युवक के बीच विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी पर रोक लगा दी है. युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी करते हुए एकलपीठ द्वारा पारित आदेश पर भी स्थगन जारी किया गया है. अपील पर अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद निर्धारित की गई है.

लड़की के पिता ने की थी अपील

एकलपीठ के आदेश तथा विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी को रोकने के लिए लड़की के पिता ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी. दायर अपील में कहा गया था कि याचिका की सुनवाई 4 नवंबर को निर्धारित थी. युगलपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ के आदेश पर स्थगन जारी किया है. हाईकोर्ट द्वारा पारित एक आदेश का हवाला देते हुए अपील में कहा गया था कि विशेष विवाह अधिनियम के तहत हुआ विवाह भी मुस्लिम एक्ट के तहत मान्य नहीं होगा. समुदाय विशेष में अग्नि व मूर्ति पूजन करने वालों से विवाह मान्य नहीं है. मुस्लिम एक्ट में 4 विवाह को मान्यता है,जबकि हिन्दू मैरिज एक्ट में सिर्फ 1 विवाह को मान्यता है. युगलपीठ के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन ने अपील की सुनवाई करते हुए विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी पर रोक लगा दी है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अशोक लालवानी ने पैरवी की.

शादी के लिए जबलपुर कलेक्ट्रेट में दिया था आवेदन

इंदौर की रहने वाली लड़की और सिहोरा निवासी विशेष समुदाय के युवक ने पुलिस सुरक्षा की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. दोनों ने अपनी जान का खतरा बताया था. उनकी तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि उन्होंने विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी के लिए कलेक्टर जबलपुर कार्यालय में आवेदन दिया था. जिसके बाद से लड़की पक्ष तथा धार्मिक संगठन के लोग विरोध कर रहे थे.

एकलपीठ ने दिया था यह आदेश

याचिकाकर्ताओं की तरफ से एकलपीठ को बताया गया था कि दोनों के बीच विगत 4 साल से प्रेम संबंध है तथा एक साल से लिव-इन-रिलेशनशिप में हैं. दोनों अपनी मर्जी से शादी करना चाहते हैं. एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि याचिकाकर्ताओं को खतरा है, इसलिए पुलिस अधीक्षक जबलपुर उन्हें सुरक्षा प्रदान करें. पुलिस लड़की को जबलपुर स्थित राजकुमारीबाई बाल निकेतन में रखे. इस दौरान वह युवक से विवाह करने के संबंध में विचार कर सकती है. इस दौरान युवक या उसके परिवार वाले उससे संपर्क नहीं करेंगे.

जबलपुर: हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन ने हिन्दू युवती और समुदाय विशेष युवक के बीच विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी पर रोक लगा दी है. युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी करते हुए एकलपीठ द्वारा पारित आदेश पर भी स्थगन जारी किया गया है. अपील पर अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद निर्धारित की गई है.

लड़की के पिता ने की थी अपील

एकलपीठ के आदेश तथा विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी को रोकने के लिए लड़की के पिता ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी. दायर अपील में कहा गया था कि याचिका की सुनवाई 4 नवंबर को निर्धारित थी. युगलपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ के आदेश पर स्थगन जारी किया है. हाईकोर्ट द्वारा पारित एक आदेश का हवाला देते हुए अपील में कहा गया था कि विशेष विवाह अधिनियम के तहत हुआ विवाह भी मुस्लिम एक्ट के तहत मान्य नहीं होगा. समुदाय विशेष में अग्नि व मूर्ति पूजन करने वालों से विवाह मान्य नहीं है. मुस्लिम एक्ट में 4 विवाह को मान्यता है,जबकि हिन्दू मैरिज एक्ट में सिर्फ 1 विवाह को मान्यता है. युगलपीठ के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन ने अपील की सुनवाई करते हुए विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी पर रोक लगा दी है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अशोक लालवानी ने पैरवी की.

शादी के लिए जबलपुर कलेक्ट्रेट में दिया था आवेदन

इंदौर की रहने वाली लड़की और सिहोरा निवासी विशेष समुदाय के युवक ने पुलिस सुरक्षा की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. दोनों ने अपनी जान का खतरा बताया था. उनकी तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि उन्होंने विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी के लिए कलेक्टर जबलपुर कार्यालय में आवेदन दिया था. जिसके बाद से लड़की पक्ष तथा धार्मिक संगठन के लोग विरोध कर रहे थे.

एकलपीठ ने दिया था यह आदेश

याचिकाकर्ताओं की तरफ से एकलपीठ को बताया गया था कि दोनों के बीच विगत 4 साल से प्रेम संबंध है तथा एक साल से लिव-इन-रिलेशनशिप में हैं. दोनों अपनी मर्जी से शादी करना चाहते हैं. एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि याचिकाकर्ताओं को खतरा है, इसलिए पुलिस अधीक्षक जबलपुर उन्हें सुरक्षा प्रदान करें. पुलिस लड़की को जबलपुर स्थित राजकुमारीबाई बाल निकेतन में रखे. इस दौरान वह युवक से विवाह करने के संबंध में विचार कर सकती है. इस दौरान युवक या उसके परिवार वाले उससे संपर्क नहीं करेंगे.

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