कानपुर : शहर के 2 कवियों ने वृंदावन धाम पहुंचकर संत प्रेमानंद जी महाराज पर लिखी कविताएं उन्हें सुनाई. जैसे ही कवियों ने अपनी रचनाओं को पढ़ना शुरू किया महाराज जी हंस पड़े. हास्य रस की कविता सुन तो वह ठहाके लगाकर हंसने लगे. यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हो रहा है. वीडियो में दिख रहे दोनों कवि हेमंत पांडे और गौरव चौहान हैं. दोनों मथुरा में महाराज जी से मिलने पहुंचे थे.
शहर के सरसौल स्थित अखरी गांव में जन्मे संत प्रेमानंद महाराज से शनिवार को कवि हेमंत पांडे और गौरव चौहान मिलने पहुंचे. वीडियो में सबसे पहले माइक पकड़े दिख रहे गौरव चौहान प्रेमानंद महाराज से कह रहे हैं कि वह उनके लिए कुछ भाव सुमन लिखकर लाए हैं. पत्नी ने मुझसे कहा कि जाओ दर्शन करके आओ.
'भूलाकर व्याधियां तन की स्वयं आनंद हो जाना
श्री राधे से कर अनुबंध फिर स्वछंद हो जाना
कठिन तप साधना, संयम समर्पण त्याग लगता है
नहीं होता सरल दुनिया में प्रेमानंद हो जाना'
जिसे सुनकर प्रेमानंद जोर-जोर से खिलखिला कर हंसने लगे. लगते हैं और कहने लगते हैं कि हां प्रेमानंद हो जाना अर्थात प्रेम में आनंदित हो जाना. वहीं कवि गौरव चौहान कहते हैं कि जब कभी भी आपकी स्वास्थ्य की परिचर्चाओं को सुनता हूं तो मन व्यथित हो जाता है. वह आज कुछ कह रहे है वह सरस्वती मां ने लिखवाया है, उसे आपके सामने अर्पित करता हू. इसके बाद वह फिर से अगली पंक्तियां महाराज जी के सामने प्रस्तुत करते हैं...
'सनातन शक्ति के सुर इस आलौकिक साज को दे दो
अमरता दिव्य तन को और इस आवाज को दे दो.
मेरी ठकुरानी राधा रानी से है प्रार्थना इतनी
मेरी आयु के बाकी साल महाराज को दे दो'.
इसके बाद हास्य कवि हेमंत पांडे माइक ले लेते हैं. कविता की पंक्तियां पढ़ना शुरू करते हैं.
'कुछ मुक्तक ढूंढेंगे कुछ छंद ढूंढेंगे, जीवन का जो सच है वो आनंद ढूंढेंगे
जिस्म की मोहब्बत में जो सब कुछ उजाड़ चुके हैं
वह आज नहीं तो कल प्रेमानंद ढूंढेंगे'