अयोध्या : मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक में आगामी रामनवमी मेले में श्रद्धालुओं की सुविधाओं को बढ़ाने और मंदिर निर्माण कार्य की प्रगति पर चर्चा हुई. बैठक के बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय ने जानकारी दी कि राम मंदिर को हर दिन 3 घंटे तक जगमगाने की योजना पर काम शुरू हो गया है. उन्होंने बताया कि राम मंदिर को राष्ट्रपति भवन की तरह शाम के समय लाइटों से प्रकाशित किया जाएगा. यह कदम मंदिर को और आकर्षक बनाने के लिए उठाया गया है.
राम मंदिर कोई पिकनिक स्पॉट नहीं : ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक राम मंदिर कोई पिकनिक स्पॉट नहीं है लेकिन जिस प्रकार से राष्ट्रपति भवन शाम होने के बाद चमकता हुआ दिखाई देता है, राम मंदिर भी प्रत्येक दिन मौसम के अनुकूल समय पर 3 घंटे तक लाइट से प्रकाशित हो, इसके लिए आज बैठक में मंथन किया गया है. ठंड में शाम को 6 से 10 बजे तक और गर्मियों में 7 से 10 बजे तक प्रकाशित हो, इसके लिए कौन सी पद्धति अपनाई जाए और इसकी जिम्मेदारी किसे दी जाए, इस पर भी विस्तार पूर्वक मंथन किया गया है.
रामनवमी मेले पानी की पूर्ति के लिए बिछाई जाएगी पाइपलाइन : बैठक में कुछ बिंदुओं पर निर्णय लिया गया है. जिसमें सबसे बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या आ रहे हैं जिससे न केवल यहां की व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही बल्कि अयोध्या में रहने वाले लोग भी प्रभावित हो रहे हैं. दैनिक कार्यों को भी पूरा नहीं किया जा सकता है, जिसकी पूरी जानकारी देते हुए हर एक बिंदुओं पर मंथन किया गया है. माना जा रहा, कि फरवरी के अंत तक यह संख्या घट जाएगी. लेकिन आगामी अप्रैल में रामनवमी भी है, संभावना है कि बड़ी संख्या में यहां श्रद्धालु पहुंच सकते हैं. इस दौरान गर्मी के मौसम के बीच श्रद्धालुओं को पानी उपलब्ध कराए जाने पर विशेष चर्चा का विषय रहा है उन्होंने बताया कि इसके लिए जन्मभूमि पथ पर पाइप लाइन भी बिछाई जाएगी. इसके लिए ट्रस्ट और इंजीनियरों के साथ इसका मुवायना भी किया गया है.
राम नवमी पर एक सप्ताह तक रुकेगा निर्माण कार्य : माना जा रहा है कि निर्माण कार्य लगभग एक सप्ताह तक बंद रहेगा. मंदिर परिसर में चल रहे कठिन कार्य को समय पर पूरा करना है और मार्च के अंत तक अगला बड़ा काम शुरू हो सकता है. 6 अप्रैल को रामनवमी है, जिससे 3 अप्रैल से श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने लगेगी. जो 7 अप्रैल तक अयोध्या को खाली होने का समय लेगी. गर्मियों में पिछले साल श्रद्धालुओं के पैरों के जलने की समस्या के बाद, जर्मन हैंगर लगाने का कार्य शुरू किया गया था, जिसे पुणे की एक कंपनी और राजकीय निर्माण निगम मिलकर पूरा करेंगे. इस भीड़ के कारण सभी कार्य रुक गए थे, जिनके समाधान पर मंथन किया गया है.
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