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चांदी के कलश से पाताल लोक में दी जा रही देसी घी की सहस्त्र धारा, जानें कहां हो रहा है विश्व शांति के लिए महायज्ञ - Sahastra Dhara yagya in bhilwara - SAHASTRA DHARA YAGYA IN BHILWARA

भीलवाड़ा जिले के बारणी गांव के पास भूतनाथ धाम पर विश्व शांति व कल्याण के लिए सहस्त्रधारा महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. यहां 21 फीट गहरे हवन कुंड में देसी घी की आहुतियां दी जा रही हैं. बताया जा रहा है कि हवन कुंड पृथ्वी लोक से पाताल लोक को जोड़ता है.

भीलवाड़ा के बारणी गांव में हो रहा सहस्त्र धारा महायज्ञ
भीलवाड़ा के बारणी गांव में हो रहा सहस्त्र धारा महायज्ञ

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 11, 2024, 1:49 PM IST

Updated : Apr 11, 2024, 6:07 PM IST

सहस्त्र धारा महायज्ञ

भीलवाड़ा.जिले के आसींद क्षेत्र के बारणी गांव स्थित भूतनाथ धाम महाकाल मंदिर में इन दिनों 16 दिवसीय सहस्त्र धारा महायज्ञ चल रहा है. यह सहस्त्र धारा महायज्ञ देश में शांति और खुशहाली के लिए किया जा रहा है. हवनकुंड के ऊपर 11 किलो चांदी का कलश है. इसमें 108 छेद हैं, जिनसे 16 दिन तक निरंतर देसी घी की धार 21 फीट गहरे कुंड में दी जाएगी.

भूतनाथ धाम भीलवाड़ा जिले से गुजरने वाले गुलाबपुरा भीम राष्ट्रीय राजमार्ग पर बारणी गांव में है. इस मंदिर में 12 फीट ऊंचा, साढ़े सात फीट चौड़ा और 29 टन वजनी शिवलिंग है. इस शिवलिंग के दर्शन करने काफी संख्या में भक्त पहुंचते हैं. वर्तमान में यहां तपस्वी योगी बाबा बम-बम नाथ की मौजूदगी में पृथ्वी लोक से पाताल लोक तक सहस्त्र धारा यज्ञ किया जा रहा है. बाबा बम-बम नाथ का कहना है कि यह आहुति पृथ्वी लोक से धरती लोक तक विश्व कल्याण, प्राणियों में सद्भावना और देश में एकता के लिए दी जा रही है. बाबा बम-बम नाथ ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा, 'अकाल मृत्यु से वो डरे जो कर्म करे चांडाल का, काल उसका क्या करे जो भक्त है महाकाल का'. उन्होंने कहा कि भगवान महाकाल की कृपा से ही मुझे सहस्त्र धारा महायज्ञ करने की प्रेरणा मिली है.

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आठ साल की उम्र से कर रहे यज्ञ: बाबा बम-बम नाथ ने बताया कि वे आठ साल की उम्र से ही भगवान महाकाल की पूजा अर्चना और यज्ञ कर रहे हैं. सहस्त्र धारा महायज्ञ की शुरुआत वर्ष 2016 में उज्जैन में भरे सिंहस्थ कुंभ से की थी. उस कुंभ में पहला सहस्त्र धारा महायज्ञ का आयोजन किया गया था. अब बम-बम नाथ बारणी गांव में रहकर ही तपस्या कर रहे हैं. यहां महंत बम-बम नाथ ने जमीन खरीद कर योगी बाबा भूतनाथ धाम बनाया था. इस परिसर में महाकाल के मंदिर की स्थापना की. भक्त लोग इसे ही महाकाल की नगरी के रूप में जानते हैं. श्री बम बम नाथ योगी सेवा समिति की ओर से यहां गत वर्ष पहला यज्ञ प्रारंभ किया गया था.

विश्व में यह पहला हवन कुंड: सहस्त्रधारा महायज्ञ के लिए आश्रम में 21 फीट गहरा हवन कुंड स्थापित किया गया है. अघोरी बाबा बम-बम नाथ का दावा है कि विश्व में यह पहला हवन कुंड है, जहां तीनों लोकों की पूजा एक साथ होती है. यज्ञ परिसर में हवन कुंड के ऊपर चांदी का 11 किलो वजनी कलश है. यह मृत्यु लोक में स्थापित है. इस कलश पर 108 छेद किए गए हैं. उनके माध्यम से मृत्यु लोक से पाताल लोक में यज्ञ कुंड में आहुति लग रही है. बाबा बम-बम नाथ ने बताया कि धरती में 12 फीट गहराई के बाद पाताल लोक की शुरुआत होती है. पाताल लोक में हट वृक्षिम के नाम से भगवान महाकाल विराजमान है और पाताल लोक की आहुति से जो धुआं बनता है, वह आकाश लोक में जाता है. उन्होंने कहा कि इससे वातावरण शुद्ध होता है. विश्व में कल्याण होता है. इस यज्ञ के हवन कुंड में 24 घंटे देशी घी की धार (आहुति) चालू रहती है. यज्ञ की शुरुआत 8 अप्रैल से हुई और 23 अप्रैल को पूर्णाहुति होगी.

Last Updated : Apr 11, 2024, 6:07 PM IST

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