सागर: टाइगर स्टेट के नाम से मशहूर मध्य प्रदेश में 7 टाइगर रिजर्व हैं. जिनमें से सबसे बड़ा और सबसे नया टाइगर रिजर्व वीरांगना रानी दुर्गावती (नौरादेही) टाइगर रिजर्व है. इस टाइगर रिजर्व की बात करें, तो 2018 तक यहां एक भी बाघ नहीं था. जब बाघिन राधा और बाघ किशन की जोड़ी को नौरादेही में छोड़ा गया तो दोनों ने नौरादेही को बाघों से आबाद कर दिया. आज राधा और किशन से जन्मी संतानों के कारण टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा 19 तक पहुंच गया है. एक खबर पिछले कुछ दिनों से इलाके में फैल रही है कि बाघिन राधा मतलब एन-1 टाइगर रिजर्व से कहीं गायब हो गई है. कहा तो ये तक जा रहा है कि पिछले एक साल से राधा का कुछ अता पता ही नहीं है लेकिन टाइगर रिजर्व प्रबंधन इन खबरों को नकार रहा है.
बाघिन राधा ने किया नौरादेही को आबाद
वैसे नौरादेही की बात करें तो 1975 में इसे भारतीय भेड़ियों के प्राकृतिक आवास के चलते अभ्यारण्य का दर्जा दिया गया था. पहले यहां बाघ भी पाए जाते थे लेकिन 2011 में आखिरी बार बाघ नौरादेही अभ्यारण्य में देखा गया था. मध्य प्रदेश के सबसे बड़े अभ्यारण्य में बाघों को बसाने के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण परियोजना के तहत 2018 में नौरादेही में बाघिन राधा और बाघ किशन को छोड़ा गया.
जल्द ही इन दोनों ने नौरादेही अभ्यारण्य में बाघों से आबाद करना शुरू कर दिया. यहां के माहौल में रच बस जाने के बाद बाघिन राधा (एन-1) ने पहली बार 3 शावकों को जन्म दिया था, जिनमें 2 मादा और 1 नर था. इसके बाद ये सिलसिला शुरू हुआ, तो बाघिन राधा के अलावा उसकी संतान दोनों मादा बाघिनों ने भी शावकों को जन्म दिया. इस तरह बाघिन राधा से शुरू हुआ सिलसिला आगे बढ़ता गया और आज नौरादेही में यहीं जन्मे 16 बाघ हैं. इस तरह कुल 18 बाघ हैं. कभी कभार एक बाघ और नजर आता है, जिसे मेहमान माना गया है.
बाघिन राधा के लापता होने की खबर से प्रबंधन ने किया इंकार (ETV Bharat) क्या पिछले 1 साल से नजर नहीं आई राधा?
दरअसल पिछले कुछ दिनों से नौरादेही टाइगर रिजर्व से एक चिंताजनक खबर आई है कि बाघिन राधा एक साल से गायब है और कहीं नजर नहीं आई है. उसके गायब होने की जानकारी प्रबंधन को है लेकिन प्रबंधन राधा के गायब होने की खबर छिपा रहा है. ये खबर इसलिए चिंताजनक है कि टाइगर रिजर्व का दर्जा मिले अभी 1 साल 2 महीने ही हुए हैं और बाघिन का गायब हो जाना यहां की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रहा है. फिलहाल टाइगर रिजर्व के हाल ये हैं कि यहां ना तो पूरी तरह से विस्थापन हो पाया है और ना ही पूरी तरह से इसका कुल एरिया प्रबंधन को हस्तांतरित हुआ है.
टाइग्रेस राधा के पगमार्क (ETV Bharat) 'बाघिन सुरक्षित और हमारी निगरानी में'
इस बारे में नौरादेही टाइगर रिजर्व प्रबंधन से राधा के बारे में बात की, तो उनका कहना है कि राधा पूरी तरह सुरक्षित है और टाइगर रिजर्व में ही है. वो अपनी टैरिटरी के आसपास ही अपना ठिकाना बनाए हुए है. हांलाकि नियमानुसार प्रबंधन बाघिन की लोकेशन किसी से शेयर नहीं कर सकता है, इसलिए 3 जिलों (सागर, दमोह और नरसिंहपुर) में फैले टाइगर रिजर्व में राधा कहां है. ये लोकेशन प्रबंधन नहीं बता रहा है लेकिन प्रबंधन का कहना है कि बाघिन पूरी तरह सुरक्षित और हमारी निगरानी में है. प्रबंधन ने 2 अक्टूबर 2024 की फोटो भी उपलब्ध करायी है, जो रात 9 बजकर 51 मिनिट की है.
नौरादेही टाइगर रिजर्व को आबाद करने वाली राधा (ETV Bharat) क्या कहना है प्रबंधन का
टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर डाॅ ए ए अंसारीकहते हैं कि "ये बिलकुल सही खबर नहीं है. राधा जिसे एन-1 आईडी दी है और वह लगातार हमारी निगरानी में है. लगातार कैमरा ट्रैप में इसके फोटोग्राफ हमारे पास हैं. पगमार्क हमारे पास हैं. हम लोग इसकी लोकेशन भी जानते हैं कि कहां पर उसने टैरिटरी बनाई है. हमारे पास पिछले महीने में ही एन-1 के फोटोग्राफ हैं पगमार्क तो हम लोगों को आए दिन मिल रहे हैं. कैमरा ट्रैप में पिछले एक साल में 4 बार बाघिन राधा ट्रैप हुई है."