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खसरा फैलने से गांव में हड़कंप, सागर से स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची, 27 बच्चों में मिले लक्षण - treatment start in village

Measles spread in Sagar : सागर के एक गांव में खसरा फैलने से हड़कंप मच गया है. एक साथ 27 बच्चों में खसरे के लक्षण मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया है. आनन-फानन में गांव में जांच शिविर लगाया गया है.

27 children suffering measles
ग्राम पंचायत के 27 बच्चे खसरा पीड़ित

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 24, 2024, 8:22 PM IST

Updated : Feb 24, 2024, 10:21 PM IST

खसरा फैलने से सेमरादांत गांव में हड़कंप

सागर। सागर जिले के बंडा विकासखंड की सेमरादांत ग्राम पंचायत में खसरे की बीमारी का संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है. ग्राम पंचायत में 27 से ज्यादा बच्चे बीमारी की चपेट में आ चुके हैं. आलम ये है कि ग्राम पंचायत में आरोग्य केंद्र तो है लेकिन ना वहां डॉक्टर पहुंचते हैं और ना कभी खुलता है. खसरे के प्रकोप की खबर फैलते ही सागर सीएमएचओ ने ग्राम पंचायत में शिशु रोग विशेषज्ञ की टीम भेजी है. जिनका कहना है कि बच्चे खसरे से संक्रमित हैं लेकिन ज्यादा चिंता की बात नहीं है.

आंगनबाड़ी केन्द्र में भी लगाया गया स्वास्थ्य शिविर

ग्राम पंचायत के 27 बच्चे खसरा पीड़ित

सेमरादांत ग्राम पंचायत में इन दिनों खसरे (मीजल्स) का प्रकोप फैला हुआ है. हालत ये है कि ग्राम पंचायत में खसरा तेजी से पैर पसार रहा है और पिछले एक हफ्ते में 27 से ज्यादा बच्चे खसरे से पीड़ित हैं. बच्चों में तेजी से संक्रमण फैलने के कारण ग्रामीण परेशान हैं. गांव में स्थित आरोग्य केंद्र में डॉक्टर की पदस्थापना नहीं होने के कारण आरोग्य केंद्र आशा कार्यकर्ता के भरोसे चल रहे हैं. जब तेजी से गांव में खसरे का संक्रमण फैलने लगा तो ग्रामीण इलाज कराने बंडा सामुदायिक स्वास्थय केंद्र पहुंचे. तब जाकर स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली और पीड़ित बच्चों को इलाज के लिए जिला अस्पताल सागर भेजा गया. वहीं लगातार संक्रमण बढ़ता देखकर सीएमएचओ ने सागर से शिशु रोग विशेषज्ञ गांव भेजकर शिविर लगाकर पीड़ित बच्चों का इलाज शुरू कराया.

गांव में आयुष्मान आरोग्य केन्द्र हफ्ते में एक बार खुलता है

इलाके में ठप पड़ी है स्वास्थ्य व्यवस्था

जनपद सदस्य उदयभान सिंह बताते हैं कि इलाके में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह चरमरा गई हैं. ग्राम पंचायत में आरोग्य केंद्र तो है, लेकिन भूलकर भी डॉक्टर कभी गांव में चेकअप करने नहीं आते हैं. कभी-कभी आशा कार्यकर्ता आकर जरूर आरोग्य केंद्र खोलकर बैठ जाती हैं लेकिन इलाज किसी का नहीं होता है. बच्चों को खसरे के प्रकोप से बचाने के लिए टीकाकरण किया जाता है लेकिन लगातार संक्रमित बच्चों की संख्या बढ़ने से साफ है कि ग्राम पंचायत में टीकाकरण ही नहीं किया जा गया.

डॉक्टरों ने गांव में लगाया कैंप

क्या कहना है शिशु रोग विशेषज्ञ का

शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ प्रशांत तिवारी ने बताया कि यहां आकर मैनें करीब 10 बच्चों को देखा है. सब बच्चों में खसरे के लक्षण हैं लेकिन खतरे जैसी कोई स्थिति नहीं है. अभी और बच्चे आ रहे हैं उनका भी चेकअप जारी है और लगातार दो तीन दिन आकर बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लूंगा और इलाज करूंगा.

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टीकाकरण ही है मीजल्स से बचने का उपाय

डाॅ प्रशांत तिवारी ने बताया कि मीजल्स या खसरा रोग एक संक्रमण है,जो रूबेला वायरस के कारण होता है. यह विश्व के सबसे खतरनाक संक्रामक रोगों में से एक है. यदि एक व्यक्ति को खसरा हो जाता है तो 90 प्रतिशत संभावना होती है कि उस व्यक्ति के आस-पास के लोग भी संक्रमित हो जाएंगे. इस रोग से बचाव का एकमात्र उपाय खसरे का टीकाकरण है.

Last Updated : Feb 24, 2024, 10:21 PM IST

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