सागर. मध्यप्रदेश सरकार कैदियों के बौद्धिक, आध्यात्मिक विकास के साथ-साथ मानसिक शांति के लिए नए-नए कदम उठा रही है. इसी के तहत प्रदेश की तमाम सेंट्रल जेलों में अलग-अलग ध्यान पद्धति अपनाई जा रही है. रामकृष्ण मिशन, आर्ट ऑफ लिविंग के साथ विपश्यना जैसी पद्धतियों के जरिए कैदियों को अवसाद और तनाव से दूर रखने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. सागर केंद्रीय जेल (Central jail sagar) का चयन विपश्यना ध्यान (Vipashyana meditation) पद्धति के लिए किया गया है. इसके लिए बाकायदा कैदियों का पंजीयन किया जा रहा है और अभी से उन्हें ध्यान और साधना का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
कैदियों को अवसाद और तनाव से मिलेगी मुक्ति
क्या है विपश्यना ध्यान?
विपश्यना के प्रशिक्षण (Vipassana training) के लिए विशेषज्ञ केंद्रीय जेल पहुंचेंगे और कैदियों को अभ्यास करने के साथ-साथ मेडिटेशन की विपश्यना पद्धति में पारंगत करेंगे. सागर केंद्रीय जेल की 25 महिला कैदियों सहित 60 कैदियों ने विपश्यना ध्यान में रुचि दिखाई है. विपश्यना ध्यान की एक प्राचीन पद्धति है. कहा जाता है कि आत्म शुद्धि और आत्म निरीक्षण के लिए विपश्यना सबसे कारगर ध्यान पद्धति है. विपश्यना ध्यान एक कठिन पद्धति है और 10 दिन तक मौन रहकर पांच सिद्धांतों के आधार पर विपश्यना ध्यान किया जाता है.
विपश्यना ध्यान के 5 मुख्य सिद्धांत
विपश्यना ध्यान के प्रमुख पांच सिद्धांत जीव हिंसा न करना, चोरी ना करना, ब्रह्मचर्य का पालन करना, किसी तरह के अपशब्दों का प्रयोग न करना और नशे आदि से दूर रहना है. कहा जाता है कि भगवान बुद्ध ने विपश्यना के जरिए ही बुद्धत्व प्राप्त किया था और फिर उन्होंने आम जनों को विपश्यना के लिए प्रशिक्षित किया और आत्म शुद्धि के लिए प्रेरित किया.