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पेंशन, DA के भंवर में मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार, कर्मचारी संगठनों ने रखी नई शर्तें - MP EMP BIG AGITATION ON 16 FEBRUARY

मध्य प्रदेश में 16 फरवरी को सरकारी कर्मचारियों का बड़ा आंदोलन. कर्मचारियों ने मोहन यादव सरकार के सामने 51 सूत्री मांग रखी है.

MP EMPLOYEES DEMAND 3 PERCENT DA
16 फरवरी को थम जायेगा एमपी (ETV Bharat Graphics)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 7, 2025, 5:05 PM IST

Updated : Feb 7, 2025, 5:20 PM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश में कर्मचारी जुलाई 2024 से 3 प्रतिशत मंहगाई भत्ता, पेंशन के लिए अर्हतादायी सेवा 25 साल करने और अनुकंपा नियुक्ति में सीपीसीटी समाप्त करने समेत 51 सूत्रीय मांगों को पूरी करने के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. ऐसे में अब कर्मचारियों ने सड़कों पर उतरना शुरू कर दिया है. शुक्रवार को मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने राज्य मंत्रालय के सामने प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारियों ने हाथों में बैनर लेकर सरकार से मांगे पूरी कराने के लिए नारेबाजी की.

16 फरवरी को राजधानी में होगा प्रदेशव्यापी आंदोलन

मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी सयुंक्त मोर्चा के जिलाध्यक्ष उमाशंकर तिवारी ने बताया कि "आज कर्मचारियों ने 51 सूत्रीय मांगों को लेकर मंत्रालय के सामने विरोध जताया है. जो अब प्रदेश स्तर पर जारी रहेगा. जब तक सरकार हमारी मांगों पर विचार नहीं करती, हम जिला स्तर से प्रदेश स्तर तक विरोध जताते रहेंगे." तिवारी ने बताया कि "यदि सरकार कर्मचारियों की मांगों पर विचार नहीं करती तो आगामी 16 फरवरी को राजधानी के अंबेडकर मैदान में प्रदेश के सभी कर्मचारी इकठ्ठा होकर बड़ा आंदोलन करेंगे.

MP Emp big agitation on 16 February
एमपी में 16 फरवरी को सरकारी कर्मचारियों का बड़ा आंदोलन (ETV Bharat)

तिवारी ने कहा कि "सरकार लगातार उनकी मांगों की अनदेखा कर रही है. चाहे वो पुरानी पेंशन का मामला हो या सीपीसीटी का बंधन हो. मंहगाई भत्ता, केंद्रीय कर्मचारियों के समान डीए हो या गृह एवं भाड़ा भत्ते की बात. हमारे वाहन चालकों की समस्या हो या चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का मुददा हो. इन सब मांगों के कारण प्रदेश के कर्मचारी आंदोलन के लिए मजबूर हुए हैं. सरकार को इस पर अविलंब ध्यान देना चाहिए. यदि सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो एक बड़ा आंदोलन देखने को मिलेगा."

ये हैं कर्मचारियों की लंबित मांग

कर्मचारी नेताओं ने बताया कि "जुलाई 2024 से 3 प्रतिशत महंगाई भत्ता, पेंशन हेतु अहर्तादाई सेवा 25 वर्ष करने, अनुकंपा नियुक्ति में सीपीसीटी समाप्त करने, लिपिको की ग्रेड पे में विसंगति दूर कर मंत्रालय के समान करने, पदोन्नति शुरू करने, सातवें वेतनमान के अनुसार वाहन एवं गृह भाड़ा भत्ता देने, संविदा कर्मी स्थाई कर्मी को नियमित करने, टैक्सी प्रथा बंद करने, वाहन चालक एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद नाम बदलने, आउटसोर्स प्रथा बंद करने समेत 51 सूत्रीय मांगों को लेकर वल्लभ भवन भोपाल के सामने मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चे में शामिल समस्त संगठनों व पदाधिकारी एवं विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार से गुहार लगाई.

भोपाल: मध्य प्रदेश में कर्मचारी जुलाई 2024 से 3 प्रतिशत मंहगाई भत्ता, पेंशन के लिए अर्हतादायी सेवा 25 साल करने और अनुकंपा नियुक्ति में सीपीसीटी समाप्त करने समेत 51 सूत्रीय मांगों को पूरी करने के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. ऐसे में अब कर्मचारियों ने सड़कों पर उतरना शुरू कर दिया है. शुक्रवार को मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने राज्य मंत्रालय के सामने प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारियों ने हाथों में बैनर लेकर सरकार से मांगे पूरी कराने के लिए नारेबाजी की.

16 फरवरी को राजधानी में होगा प्रदेशव्यापी आंदोलन

मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी सयुंक्त मोर्चा के जिलाध्यक्ष उमाशंकर तिवारी ने बताया कि "आज कर्मचारियों ने 51 सूत्रीय मांगों को लेकर मंत्रालय के सामने विरोध जताया है. जो अब प्रदेश स्तर पर जारी रहेगा. जब तक सरकार हमारी मांगों पर विचार नहीं करती, हम जिला स्तर से प्रदेश स्तर तक विरोध जताते रहेंगे." तिवारी ने बताया कि "यदि सरकार कर्मचारियों की मांगों पर विचार नहीं करती तो आगामी 16 फरवरी को राजधानी के अंबेडकर मैदान में प्रदेश के सभी कर्मचारी इकठ्ठा होकर बड़ा आंदोलन करेंगे.

MP Emp big agitation on 16 February
एमपी में 16 फरवरी को सरकारी कर्मचारियों का बड़ा आंदोलन (ETV Bharat)

तिवारी ने कहा कि "सरकार लगातार उनकी मांगों की अनदेखा कर रही है. चाहे वो पुरानी पेंशन का मामला हो या सीपीसीटी का बंधन हो. मंहगाई भत्ता, केंद्रीय कर्मचारियों के समान डीए हो या गृह एवं भाड़ा भत्ते की बात. हमारे वाहन चालकों की समस्या हो या चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का मुददा हो. इन सब मांगों के कारण प्रदेश के कर्मचारी आंदोलन के लिए मजबूर हुए हैं. सरकार को इस पर अविलंब ध्यान देना चाहिए. यदि सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो एक बड़ा आंदोलन देखने को मिलेगा."

ये हैं कर्मचारियों की लंबित मांग

कर्मचारी नेताओं ने बताया कि "जुलाई 2024 से 3 प्रतिशत महंगाई भत्ता, पेंशन हेतु अहर्तादाई सेवा 25 वर्ष करने, अनुकंपा नियुक्ति में सीपीसीटी समाप्त करने, लिपिको की ग्रेड पे में विसंगति दूर कर मंत्रालय के समान करने, पदोन्नति शुरू करने, सातवें वेतनमान के अनुसार वाहन एवं गृह भाड़ा भत्ता देने, संविदा कर्मी स्थाई कर्मी को नियमित करने, टैक्सी प्रथा बंद करने, वाहन चालक एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद नाम बदलने, आउटसोर्स प्रथा बंद करने समेत 51 सूत्रीय मांगों को लेकर वल्लभ भवन भोपाल के सामने मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चे में शामिल समस्त संगठनों व पदाधिकारी एवं विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार से गुहार लगाई.

Last Updated : Feb 7, 2025, 5:20 PM IST
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